पहाड़ की घसियारियों के सर से हटेगा घास की गठरी का बोझ : मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जिस प्रकार आज हर घर में गैस का सिलेण्डर पहुंच रहा है उसी तरह 30 किलो घास की गठरी भी तीन साल में हर घर तक पहुंचाने की व्यवस्था किये जाने के निर्देश अधिकारियों को दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि आज घास लेने के लिये जहां हमारी माँ बहिने जगंल या अन्य स्थानों पर जाती है तो उन्हें पहाड़ी से गिरने, जंगली जानवरों का एवं नदी में बहने का खतरा बना रहता है।
हम उन्हें इन खतरों से भी बचायेंगे तथा घास की व्यवस्था उनके आंगन तक उपलब्ध करायेंगे।कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में पिछले साढ़े तीन साल में कृषि के क्षेत्र में 100 से अधिक निर्णय लिये। 2017 में राज्य सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री का सपना था कि प्रत्येक न्याय पंचायत में एक-एक फार्म मशनरी बैंक हो। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आशीर्वाद से सभी 670 स्थापित किये गये। किसानों को 80 प्रतिशत सब्सिडी पर कृषि यंत्र दिये गये।

इन तीन सालों में इन मशीनों की सहायता से राज्य में कृषि उत्पादकता में वृद्धि हुई। भारत सरकार द्वारा कृषि कर्मणा पुरस्कार से उत्तराखण्ड को सम्मानित किया गया। भारत सरकार ने हमारे परम्परागत बीजों को मान्यता दी है। अब इन बीजों पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी किसानों को मिलेगी। उत्तराखण्ड में ऑगर्निक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए 6400 कलस्टर स्वीकृत हुए हैं। 15 हजार कलस्टर की सैद्धांतिक स्वीकृति मिली है। प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड को ऑगर्निक स्टेट के रूप में विकसित किया जाय। इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, सांसद तीरथ सिंह रावत, विधायक मुकेश कोली, जिलाध्यक्ष भाजपा पौड़ी संपत सिंह रावत, ब्लॉक प्रमुख बीना राणा, जिलाधिकारी पौड़ी धीराज गर्ब्याल, एसएसपी पौड़ी रेणुका देवी आदि उपस्थित थे।

 

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