त्रिवेन्द्र की नेतृत्व क्षमता से गदगद हुए नड्डा

उत्तराखण्ड दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पीठ थपथपा गए। उन्होंने ‘अटल आयुष्मान योजना’ और ‘खाद्य सुरक्षा योजना’ में केन्द्र सरकार से एक कदम आगे बढ़कर काम करने, लॉकडाउन के दौरान 3.5 लाख लोगों को घर वापस लाने और कोरोना संकट में किए बेहतर कार्यो के लिए मुख्यमंत्री की जबरदस्त सराहना की। वहीं, प्रदेश में विस्तारक योजना से लेकर बूथ पर कार्यकर्ताओं की तैनाती के काम के लिए उन्होंने संगठन को बधाई दी। नड्डा ने साफ संदेश दे दिया है कि हाईकमान उत्तराखण्ड सरकार से लेकर संगठन के काम से संतुष्ट है। उन्होंने यहां तक कहा दिया कि ‘सरकार के कार्यों से लेकर संगठन की गतिविधियां काबिले तारीफ हैं। साफ दिख रहा है कि पार्टी उत्तराखण्ड में 2022 की बेहतर तैयारियों में जुटी है’।

उत्तराखण्ड में अपने चार दिवसीय प्रवास के दौरान नड्डा के जितने भी सम्बोधन हुए उनमें उन्होंने सीएम त्रिवेन्द्र की जमकर तारीफ की। प्रबुद्ध नागरिकों के सम्मेलन में नड्डा ने कहा कि दृढ़ इच्छाशक्ति के धनी त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड में केन्द्र की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल में उतारने में जबरदस्त परफार्मेंस दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में ‘आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ प्रारम्भ की जिसके अन्तर्गत उत्तराखण्ड के लगभग 5 लाख परिवारों को गम्भीर बीमारी के ईलाज के लिए प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये तक की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। इस योजना को और आगे बढाते हुये त्रिवेन्द्र सरकार ने ‘अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना’ प्रारम्भ करते हुये लगभग 18 लाख और परिवारों को भी प्रतिवर्ष 5 लाख रूपये की निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराते हुए उत्तराखण्ड के सभी 23 लाख परिवारों को इस योजना से आच्छादित कर दिया। इतना ही नहीं त्रिवेन्द्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा गारंटी में भी केन्द्र की योजना को आगे बढ़ाया। नड्डा ने कहा कि केन्द्र की राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना उत्तराखण्ड के 1330404 परिवारों को मुफ्त व सस्ता राशन मुहैया करवाती है जबकि त्रिवेन्द्र सरकार ने अपने संसाधनों के बूते इस योजना का लाभ अन्य 1025930 परिवारों को भी दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान उत्तराखण्ड सरकार ने तकरीबन तीन लाख श्रमिकों के खाते में एक-एक हजार रुपये फौरी सहायता के रूप में तीन महीनों तक डाले।

इसके अलावा लॉकडाउन में घर लौटे लगभग 3.5 लाख प्रवासियों को घर में रोकने के लिए ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’ लागू करने पर भी उन्होंने सीएम को खूब सराहा। जाते-जाते नड्डा कह गए कि केन्द्र में ‘नरेन्द्र’ और उत्तराखण्ड में ‘त्रिवेन्द्र’ को मजबूत करना है। नड्डा का दौरा खासकर उन लोगों के लिए झटका साबित हुआ जो किसी भी कीमत पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को कुर्सी से हटाना चाहते हैं। विरोधियों की लाख चालबाजियों के बाद भी त्रिवेन्द्र मजबूती के साथ प्रदेश के विकास में जुटे हुए हैं। चूंकि अब त्रिवेन्द्र सरकार का महज सवा साल का कार्यकाल शेष है तो विरोधियों को लग रहा था कि नड्डा का उत्तराखण्ड दौरा त्रिवेन्द्र की विदाई के लिए अहम साबित होगा, पर हुआ इसके विपरीत। नड्डा भ्रष्टाचार के खिलाफ त्रिवेन्द्र के तेवरों को धार दे गए।

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