मुझे लिखनी नहीं आयी कभी सरकार ग़ज़लों में । ये मेरी लेखिनी लिखती सही किरदार ग़ज़लों में
जसवीर सिंह “हलधर” (कवि , गीतकार ) देहरादून-उत्तराखंड
ग़ज़ल(हिंदी)
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मुझे लिखनी नहीं आयी कभी सरकार ग़ज़लों में ।
ये मेरी लेखिनी लिखती सही किरदार ग़ज़लों में ।
अरे ओ बेख़बर तहरीके आजादी के परवानो ,
बगावत के नहीं बोलो कभी असरार ग़ज़लों में ।
पड़ौसी दो बड़े नापाक दुश्मन ताक में रहते ,
करों मत कौम की नीची कभी दस्तार ग़ज़लों में ।
सुबूतों के तराजू में न तोलो काम फौजों का ,
जवानों की सहादत पर करो मत वार ग़ज़लों में ।
ये मेरी जान भारत है ये मेरी शान भारत है ,
तराने हिन्द की तानें न हो बेज़ार ग़ज़लों में ।
सभी प्रश्नों के उत्तर हों जरूरी तो नहीं होता ,
तिरंगे की हिफाजत को रहे दरकार ग़ज़लों में ।
बुलंदी देख दुनियां में चिढ़ी कुछ कौम भारत से ,
तरक्की की नहीं “हलधर”रुके रफ्तार ग़ज़लों में ।
हलधर -9897346173