बोले कृषि मंत्री सुबोध उनियाल-कहा मुख्यमंत्री मशरुम विकास योजना से 20 हज़ार युवाओं को स्वरोजगार देगी सरकार
देहरादून ।
उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विधान सभा स्थित सभा कक्ष में औद्यौगिक हैम्प खेती से सम्बन्धित नियमावली 2020 एवं मसरूम उत्पादन के सम्बन्ध में बैठक की। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक हैम्प खेती की पर्याप्त सम्भावनाएॅ है। जिसके माध्यम से नौजवानों के लिए स्वरोजगार के अवसर भी बढेगें तथा किसानों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होगी। प्रदेश में किस तरह औद्योगिक हैम्प की संभावना है तथा उसको किस तरह से धरातल में लाया जाय। उन्होने कहा कि औद्योगिक हैम्प के प्रोसोसिंग से जुडे लोग भी लगातार संवाद कर रहे है तथा किसान भी औद्योगिक हैम्प की खेती के माध्यम से अपनी आर्थिकी मजबूत करना चाहता है साथ ही इसके प्रोत्साहन से यहाॅ उपलब्ध बंजर भूमि का उपयोग किया जा सकता है तथा औद्योगिक हैम्प की विश्व में भी माॅग हो रही है, किन्तु इस सम्बन्ध में कोई नियमावली नही है, जिसको देखते हुए कृषि सचिव एवं सम्बन्धित अधिकारियों के साथ उत्तराखण्ड स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ नियम 2020 के ड्राफ्ट पर विस्तार से चर्चा की गई। इस नियामवली को आगामी कैबिनेट में लाया जायेगा। जो औद्योगिक हैम्प की सम्भावना को धरातल पर लाकर राज्य की आर्थिकी को मजबूत बनाने में सहायक सिद्ध होगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में मसरूम उत्पादन की पर्याप्त सम्भावनाए है। इसके माध्यम से युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार दिया जा सकता है। उनका कहना था कि लगभग ढाई लाख प्रवासी प्रदेश में लौटे है तथा राज्य में पलायन रोकने के लिए मसरूम उत्पादन सहायक सिद्ध होगा।
उन्होने कहा कि मसरूम में अधिक से अधिक लोगों को जोड कर उनकी आर्थिकी को मजबूत किया जा सकता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि हार्टिकल्चर मिशन के माध्यम से बहुत कम युवाओं को लाभान्वित किया गया है, उन्होने कहा कि युवाओ को मसरूम की प्रोसोसिंग में लगा कर उनकों आर्थिक रूप से सृदढ़ किया जायेगा। कृषि मंत्री ने कहा कि शीध्र मुख्यमंत्री मसरूम विकास योजना के अन्तर्गत लगभग बीस हजार युवाओ को स्वरोजागार प्रदान किया जायेगा। इसके लिए उन्होने सम्बन्धित अधिकारियों को ठोस कार्य योजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिये है। उन्होने कास्तकारों द्वारा स्पान की सीमा 25 किलो से बढा कर 50 किलो तथा मसरूम उत्पादको के लिए खाद की सीमा 25 किलो से बढा कर 50 किलो किये जाने को व्यवहारिक बताते हुए अधिकारियों से आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये।