विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली की 25 से 27 फरवरी तक नेशनल सीनियर स्कीईंग चैंपियनशिप प्रस्तावित

विश्व प्रसिद्ध हिम क्रीड़ा केंद्र औली की खूबसूरत ढलानों पर रेस लगाने को आतुर स्कीयर्स की उम्मीदें अब मौसम पर टिक गई हैं। वहां 25 से 27 फरवरी तक नेशनल सीनियर स्कीईंग चैंपियनशिप प्रस्तावित है, लेकिन बर्फबारी न होने से संशय के बादल भी मंडरा रहे हैं। हालांकि, कृत्रिम बर्फ बनाने के लिए वहां लगी मशीनें दुरुस्त कराई जा चुकी हैं, लेकिन यह तभी काम करेंगी जब इन्हें अनुकूल तापमान मिलेगा। उधर, मौसम विभाग ने अब मौसम के करवट बदलने और तीन व चार फरवरी को बारिश-बर्फबारी की संभावना जताई है। ऐसे में उम्मीद जगी है कि औली भी बर्फ से लकदक होगी।

चमोली जिले में स्थित औली हमेशा से ही प्रकृति प्रेमियों और स्कीईंग के शौकीनों का पसंदीदा केंद्र रहा है। सदियों में बर्फबारी के दौरान यहां देश विदेश से स्कीयर्स पहुंचते हैं। यहां की ढलानें विश्व की बेहतरीन ढलानों में शुमार हैं। वर्ष 2011 में हुए सैफ विंटर खेलों में भी इन्हें खासा पसंद किया गया। इस वर्ष कोरोना काल के बाद पर्यटन विभाग ने यहां स्कीईंग चैंपियनशिप कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए विंटर गेम्स फैडरेशन से बात कर 25 से 27 फरवरी की तिथि भी तय की गई।

उत्तराखंड विंटर गेम्स फैडरेशन चैंपियनशिप कराने का प्रस्ताव भी सरकार को दे चुका है। इसके लिए सरकार भी तैयार है लेकिन इसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा मौसम का रुख बना हुआ है। दरअसल, बीते एक माह से मौसम शुष्क चल रहा है। सर्द हवाएं चल रही हैं लेकिन बारिश व बर्फबारी नहीं हो रही है। स्कीईंग के लिए काफी बर्फ की जरूरत होती। पर्यटन विभाग ने औली में बर्फ बनाने की मशीनें तो ठीक कर दी हैं लेकिन अमूमन इनका उपयोग तब किया जाता है जब बर्फ कम हो रही हो। मशीनें इतनी बर्फ नहीं बना सकतीं जिसमें स्कीईंग हो सके। इन सबके बीच अब मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों में बर्फ व बारिश की संभावनाएं जताई हैं। यदि अभी बर्फबारी होती है तो फिर चैंपियनशिप को लेकर कुछ उम्मीदें जगती हैं।

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