चमोली त्रासदी- ऋषिगंगा में अब पानी बढ़ते ही बजेगा अलार्म- देखें वीडियो , कैसे सायरन सुनाई देगा 1 किलोमीटर तक

चमोली ।

उत्तराखंड के चमोली में बीती 7 फरवरी को आई आपदा ने उत्तराखंड को हिला के रख दिया है। आपदा के बाद आखिरकार प्रशासन की नींद टूट ही गई है। हजारों निर्दोषों की मौत और उनके लापता होने के बाद आखिरकार प्रशासन हरकत में आया है और एसडीआरएफ ने ऋषि गंगा में अलार्म सिस्टम लगा दिया है। यह अलार्म पानी का स्तर बढ़ने के बाद तुरंत ही बज जाएगा और इस अलार्म की आवाज 1 किलोमीटर तक सुनाई देगी। मगर सवाल यह है कि यह अलार्म सिस्टम पहले क्यों नहीं लगाया गया। अगर यह अलार्म सिस्टम पहले ही लगा दिया होता तो चमोली में आपदा इतनी तबाही नहीं मचाती और कई लोगों की जान बच जाती। प्रशासन की नींद तो तभी टूटी जब चमोली में सब कुछ तबाह हो चुका है और कई परिवारों के चिराग बुझ चुके हैं ।

यह अलार्म अब लग रहा है जब यहां पर आपदा तबाही मचा चुकी है। जल विद्युत परियोजना का निर्माण कर रही कंपनी या प्रशासन ने अगर लोगों की सुरक्षा की ओर जरा भी ध्यान दिया होता और जल स्तर बढ़ने पर अलार्म पहले ही लगा दिया होता तो शायद आज कई लोग सुरक्षित होते और अपने परिजनों के पास होते।  लोगों का कहना है कि अलार्म लगाना सराहनीय कदम है लेकिन यह अलार्म आखिर आपदा के बाद ही क्यों लग रहा है।

उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन बड़ी बड़ी घटनाओं के बाद ही नींद से जागता है। हिमालय के मुहाने पर बन रही परियोजनाओं में हर समय खतरे का अंदेशा बना ही रहता है। ऐसे में इस तरह की व्यवस्था पहले क्यों नहीं की गई। अगर यह अलार्म पहले ही लगा दिया जाता तो चमोली में आपदा आने पर कई लोग सुरक्षित स्थानों पर समय रहते चले जाते और उनकी जान बच जाती जिससे ज्यादा जनहानि नहीं होती और वे लोग सुरक्षित रहते। बता दें कि आपदा के बाद अभी तक 146 लोग लापता हो जाते हैं जबकि 58 शव बरामद किए जा चुके हैं। चमोली की डीएम स्वाति एस भदौरिया ने मौके पर निरीक्षण का लापता लोगों की अलग-अलग जगहों पर खोज करने के निर्देश दे दिए हैं और युद्ध स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।

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