Covid-19 की स्थितियों को लेकर लोकसभा अध्यक्ष Om Birla की अध्यक्षता में हुई समीक्षा-विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल भी रहे virtually मौजूद

देहरादून ।

कोविड-19 महामारी के कारण वर्तमान में राज्यों में उत्पन्न स्थितियों की समीक्षा को लेकर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में देश के सभी राज्यों के पीठासीन अधिकारियों एवं वरिष्ठ नेताओं की एक वर्चुअल बैठक का आयोजन किया गया।बैठक के दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने भी वर्चुअल रूप से जुड़ कर उत्तराखण्ड राज्य में कोरोना संक्रमण की स्थिति के बारे में अवगत किया।
वर्चुअल बैठक के दौरान कोरोना के कारण वर्तमान स्थिति में जनप्रतिनिधियों की भूमिका एवं दायित्व विषय पर चर्चा हुई।बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राज्यों में कोरोना संक्रमण के हालातों की जानकारी सभी राज्यों के विधानसभा अध्यक्षों एवं वरिष्ठ नेताओं से ली गई।
बैठक के दौरान लोकसभा अध्यक्ष ने सभी राज्यों की विधानसभाओं एवं विधान परिषदों में कोविड कंट्रोल सेंटर स्थापित करने की बात कही जिससे राज्यों में आपसी सामंजस्य बन सके एवं विभिन्न राज्यों में रह रहे प्रवासियों को इस महामारी के दौर में सेवाएं दी जा सके।लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि जनप्रतिनिधि जनता और सरकार के बीच की कड़ी होती है उन्होंने सभी से आह्वान किया कि जन जागरूपता अभियान चलाकर निचले स्तर तक कोरोना के प्रति लोगों को सचेत कर संक्रमण को फैलने से रोका जाए।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के हालातों के बारे में अवगत किया, इस अवसर पर अग्रवाल ने कोविड-19 महामारी के दौरान संचालित किए गए विधानसभा सत्रों की कार्यवाही के संबंध में भी बैठक में अपने वक्तव्य रखे।वहीं अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखंड विधानसभा, भवन में कोरोना वैक्सीन का कैंप लगाकर 361 विधानसभा के कार्मिकों एवं उनके परिजनों को वैक्सीन की पहली डोज लगवाई गई है।
इस अवसर पर बैठक में उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि वो शीघ्र ही उत्तराखंड राज्य में भी सभी विधायकों के साथ वर्चुअल बैठक आयोजित कर सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण को रोके जाने के लिए जन जागरूकता अभियान चलाए जाने के लिए अपील करेंगे।
बैठक के दौरान अग्रवाल ने सुझाव देते हुए कहा कि लोकसभा सचिवालय अपने कोविड कंट्रोल सेंटर से वेबसाइट बनाकर राज्यों की विधानसभाओं से सीधे जुड़ें जिससे कि राज्यों की सूचनाओं एवं समस्याओं का आदान-प्रदान तीव्रता से हो सके।
वर्चुअल बैठक के दौरान देश के अधिकांश राज्यों के विधानसभाओं के विधानसभा अध्यक्ष, विधान परिषद के सभापति एवं राज्यों के संसदीय कार्य मंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष मौजूद थे।

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