Corona Kit पर सियासी घमासान ,जनता कर रही त्राहिमाम
देहरादून ।
कोरोना संकट काल में लोग त्राहिमाम कर रहे हैं। दवा और उपचार के साथ ही कोरोना की जांच तक के लिए वे भटक रहे हैं। उधर, सरकारी कारिंदे अपने आकाओं की छवि चमकाने में लगे हैं। इसके चक्कर में भले ही आम जनता का सत्यानाश हो जाए। कोरोना मरीजों को दी जाने वाली कोरोना किट से जुड़ा यह मामला बेहद संगीन है।
दरअसल, होम आइसोलेशन में उपचार कराने वाले कोरोना संक्रमितों को स्वास्थ्य विभाग कोरोना किट उपलब्ध कराता है। इस किट में कोरोना से संबंधित दवाइयां, बुखार तथा शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा मापने के लिए उपकरण होते हैं। पिछले वर्ष जब कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मरीजों का उपचार शुरू हुआ, तो इस किट का वितरण होने लगा।
उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने हजारों किट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की फोटो भी चस्पा कर दी थी। उसी समय से यह किट बंट रही थी। सूत्र बताते हैं कि हाल में सोशल मीडिया पर किसी ने त्रिवेन्द्र सिंह रावत वाली यह किट अपलोड कर दी। यह दिखाना चाहा कि सरकार बदल जाने के बाद भी त्रिवेन्द्र सिंह रावत का जलवा कायम है। इस पोस्ट के सार्वजनिक होते ही देहरादून का स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया। उसने सारे किट वापस मंगा लिये और उन पर से त्रिवेन्द्र सिंह रावत की फोटो को हटाया जाने लगा। इसके बदले में तीरथ सिंह रावत की फोटो वाले स्टीकर छपवाये गये और उसे चस्पा किये जाने लगा। इस प्रक्रिया में दो या तीन दिन का वक्त लगा और तब तक मरीजों को कोरोना किट से दूर रहना पड़ा।
उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने कहा कि लाखों की तादाद में कोरोना किट उपलब्ध होने के बावजूद उनका वितरण सिर्फ इसलिए नहीं किया जा रहा है कि उन पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की फ़ोटो चस्पा है। इस त्रासदी और संकटकाल में भी मुख्यमंत्री तीरथ रावत जो स्वास्थ्य मंत्री भी हैं, उनको अपनी हनक और ईगो एक तरफ रखते हुए स्वयं आगे आकर जनहित में इन कोरोना कीटों को बंटवाने का आदेश देना चाहिए था। आपदा काल में मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य विभाग का यह कृत्य अक्षम्य है।