मानसून सत्र के दूसरे दिन कोविड पर महासंग्राम, नेता प्रतिपक्ष ने उठाए तीसरी लहर को लेकर सरकार की तैयारियों पर सवाल
देहरादून । उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन विपक्ष पूरी तरह से आक्रामक दिखाई दिया। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह की अगुवाई में विपक्षी विधायकों ने एकजुटता का परिचय देते हुए कोरोना, मंहगाई व विधानसभा क्षेत्रों के अधूरे विकास कार्यों को लेकर सरकार को सदन में घेरने का काम। सदन में विपक्ष के सवालों से कई बार सत्ता पक्ष के मंत्रियों को असहज होना पड़ा कई सवालों के जवाब में मंत्रियों ने सूचना उपलब्ध कराने की बात कही।
सदन में प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के अगुवाई में नियम 310 के तहत हरिद्वार कुंभ में हुए कोविड जांच फर्जीवाड़ा औऱ कोरोना की तीसरी लहर की अधूरी तैयारियों को लेकर चर्चा की मांग करी। विपक्ष ने नियम 310 के तहत चर्चा करने की मांग को लेकर सदन में हंगामा कर विरोध प्रकट किया। वही विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष की मांग को नियम 58 की ग्रहीता पर सुनने का फैसला किया।
भोजन अवकाश के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने प्रदेश में कोरोना से बिगड़ते हालातो और हरिद्वार कुंभ में हुए फर्जीवाड़े को लेकर सरकार को घेरा। प्रीतम सिंह ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान सरकार की नाकामियों को लेकर सवाल खड़े किए। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि दूसरे लहर में प्रदेश सरकार पूरी तरह बेबस नजर आ रही थी। जनप्रतिनिधि भी चाह कर भी कुछ नहीं कर पा रहे थे । पूरे प्रदेश में हाहाकार मचा हुआ था । स्वास्थ्य महकमे में इंतजाम के नाम पर कुछ नहीं था। झूठे वादे और दावे प्रदेश सरकार कर रही थी । इलाज औऱ स्वास्थ्य सुविधाएं न मिलने पर लोग अपनों को खो रहे थे, तैयारियों के नाम पर सरकार के झूठे आंकड़े व दावे थे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कई जनप्रतिनिधि भी कोरोना की चपेट में आए उनको भी बड़ी मुश्किल से अस्पतालों में बेड व इलाज मिल पाया । कई जनप्रतिनिधियों ने अपनो को भी खोया। राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में एक भयावह स्थिति देखने को मिली । बावजूद इसके राज्य सरकार इससे कोई सबक नहीं ले रही है । सरकार और तमाम विशेषज्ञ बार-बार कह रहे हैं कि सितंबर या अक्टूबर माह में कोरोना की तीसरी लहरा सकती है । जिसका सीधा असर मासूम बच्चों पर हो सकता है लेकिन सरकार बताये उसने क्या तैयारियां की हैं। सुविधाओं के नाम पर सरकारी अस्पतालों में आज भी हालत जस के तस दिखाई दे रहे हैं । नेता प्रतिपक्ष की बात का समर्थन करते हुए विपक्ष के तमाम विधायकों ने अपने अपने क्षेत्र में सरकारी अस्पतालों की अव्यवस्थाओं की बात कही औऱ कोरोनकाल में जमकर हुई दवाइयों की कालाबाजारी का भी जिक्र किया। इसके साथ ही कुंभ कोरोना फर्जी जांच रिपोर्ट के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग भी की।
वहीं विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सरकार की तरफ से की जा रही तैयारियों से अवगत कराया और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की कमियों की बात स्वीकार की। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा तीसरी लहर से निपटने को सरकार पूरी तरह तैयार है। उन्होंने आंकड़े भी सदन के सामने रखे।
स्वास्थ्य मंत्री के जवाब से नेता प्रतिपक्ष नाखुश नजर आए। उन्होंने कहा सरकार आंकड़ों की बाजीगरी दिखाने के बजाय धरातल पर काम करें ताकि कोरोना की तीसरी लहर में किसी को भी किसी अपने को न खोना पड़े।