राज्य सरकार ईकोलॉजी एवं ईकोनॉमी में सतुंलन बनाये रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है – सीएम धामी।

बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर कौलागढ़ रोड स्थित ओ.एन.जी.सी में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण एवं ओ.एन.जी.सी द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने ऊर्जा दक्ष उपकराणों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं ऊर्जा संरक्षण पर आधारित 2023 के टेबल कलेण्डर का विमोचन भी किया । मुख्यमंत्री द्वारा ऊर्जा संरक्षण पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत भी किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ऊर्जा संरक्षण के लिए सभी को सदैव प्रयास करने होंगे। ऊर्जा संरक्षण हमारी दिनचर्या का हिस्सा बनना जरूरी है। ज्ञान एवं विज्ञान तेजी से आगे बढ़ा है। उर्जा संरक्षण के लिए भी अनेक नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। इन तकनीक के साथ ही हम बिजली का आवश्यकतानुसार ही उपयोग करें, इसे सबको अपनी आदतों में लाना होगा। यह हमारे छोटे-छोटे प्रयासों से ही संभव है। राज्य सरकार ईकोलॉजी एवं ईकोनॉमी में सतुंलन बनाये रखने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अन्तरराष्ट्रीय मंच का नेतृत्व कर रहा है। भारत सम्पूर्ण विश्व में स्वच्छ ऊर्जा के विकास के संकल्प को आगे बढ़ा रहा है। भारत औद्योगिक विकास के क्षेत्र में प्राकृतिक ऊर्जा का बहुतायत प्रयोग कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन एवं ऊर्जा के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। राज्य की अवधारणा में पर्यटन एवं ऊर्जा आर्थिकी के मूल आधार थे, इस पर राज्य सरकार विशेष ध्यान दे रही है। राज्य में विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं पर राज्य को जल्द एनओसी मिले, इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी देश का सतत विकास, सतत ऊर्जा से ही संभव है। हमें ऊर्जा के वैकल्पिक क्षेत्रों पर भी ध्यान देना होगा।
सचिव ऊर्जा आर. मीनाक्षी सुंदरम ने कहा कि उत्तराखण्ड में ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं। इसके लिए टी.एच.डी.सी के साथ एक संयुक्त उपक्रम पर कार्य भी किये जा रहे हैं। राज्य में लघु जल विद्युत परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमें ऊर्जा उत्पादन के साथ ही ऊर्जा की बचत पर भी विशेष ध्यान देना होगा। यदि हम ऊर्जा की बचत करते हैं, तो वह भी ऊर्जा के उत्पादन के बराबर है। उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र में जागरूकता के लिए स्कूल के बच्चों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। बच्चे विभिन्न जानकारियों को व्यावहारिकता में लाने के साथ ही अन्य लोगों को भी जागरूक करते हैं। ऊर्जा संरक्षण की दिशा में लोगों को जागरूक करने में इनकी बड़ी भूमिका रहेगी।

निदेशक उरेडा रंजना राजगुरू ने कहा कि सभी जनपदों में ऊर्जा संरक्षण पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्रचार वाहनों, नुक्कड़ नाटकों एवं रैलियों के माध्यम से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। हर जनपद में 05 गांवों को चुना गया है, जिन्हें ऊर्जा ग्राम बनाना है। उरेडा द्वारा ओ.एन.जी.सी के सहयोग से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।
इस अवसर पर अपर सचिव ऊर्जा डॉ. अहमद इकबाल, कार्यकारी निदेशक ओ.एन.जी.सी आई.साई.राम, उप महाप्रबंधकओ.एन.जी.सी आर.एस.नारायनी, एमडी यूजेवीएनएल संदीप सिंघल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।

 

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