सीएम धामी ने की घोषणा: देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर व नैनीताल में बनेंगे साइकिल ट्रैक
प्रदेश के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और नैनीताल में 50-50 किलोमीटर साइकिल ट्रैक का निर्माण कराया जाएगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सोमवार को यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन समेत नौ जिलों में यथासंभव साइकिल ट्रैक बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री आवास के पास पौधारोपण किया:
मुख्यमंत्री धामी और वन मंत्री सुबोध उनियाल ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास के पास पौधारोपण किया। साथ ही विभिन्न विद्यालयों के बच्चों को जूट के बैग प्रदान किए। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने उक्त घोषणा की। उन्होंने कहा कि जलस्रोतों और नदियों के पुनर्जीवीकरण के लिए प्रदेश में स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन बोर्ड गठित किया जाएगा। उन्होंने परिवेश की स्वच्छता पर विशेष जोर देते हुए कहा कि इसके लिए गांवों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। साथ ही घोषणा की कि जिलों में स्वच्छता के क्षेत्र में सर्वक्षेष्ठ कार्य करने वाली एक-एक ग्राम पंचायत को पुरस्कृत किया जाएगा।
सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की:
बाद में मुख्यमंत्री धामी ने अपने आवास से वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण को जागरूकता अभियान चलाने, विभिन्न विभागों के माध्यम से कार्य करने और पौधारोपण व स्वच्छता अभियान में जनसहयोग लेने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ी को शुद्ध हवा, पानी, मिट्टी व पर्यावरण मिले, इस पर सभी को ध्यान देना होगा।
वनों का संरक्षण कर इन्हें रोजगार से जोडऩे पर बल देते हुए कहा कि इससे पारिस्थितिकी आधारित रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने मृदा संरक्षण के लिए मिट्टी को रसायनमुक्त बनाने, जैविक खाद बनाने में सहायक जीवों को बचाने, नमी बनाए रखने, घटते भूजल से पहुंच रहे नुकसान से बचाने, वनों का दायरा कम होने की वजह से हो रहे भूक्षरण को रोकने पर जोर दिया। साथ ही केंद्र पोषित विभिन्न योजनाओं का उल्लेख किया।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जिस तेजी से भौगोलिक व जलवायु परिवर्तन हो रहा है, वह चिंता का विषय है। राज्य में पर्यटन गतिविधियां बढ़ रही हैं, इसके दृष्टिगत पर्यावरण संरक्षण को अधिकाधिक पौधारोपण व स्वच्छता की दिशा में प्रयास करने होंगे। उन्होंने वन पंचायतों के सशक्तीकरण की जरूरत भी बताई। बैठक में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक अनूप मलिक भी उपस्थित थे।