सरकार का उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों के विकास का है लक्ष्य, केंद्र पर नजर; बजट से आर्थिक सहायता की उम्मीद
देवभूमि उत्तराखंड में चारधाम के विकास के साथ ही धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्रों एवं मंदिर स्थलों का विकास प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में सम्मिलित है ही, केंद्र सरकार भी इन स्थलों के विकास को प्रोत्साहित कर रही है। गढ़वाल के साथ ही कुमाऊं मंडल में भी ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं। देश व विदेश से प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं की आमद देखते हुए हरिद्वार-ऋषिकेश गंगा कॉरिडोर को विकसित करने का निर्णय लिया गया है। आस्था से जुड़े इन स्थलों के विकास के लिए केंद्रीय बजट में प्रदेश के लिए अतिरिक्त सहायता की उम्मीद की जा रही है।
केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं से संवर रहा है उत्तराखंड
केंद्र की मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाएं उत्तराखंड में अवस्थापना विकास की नई इबारत लिख रही है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन, चारधाम ऑल वेदर रोड, भारतमाला परियोजनाएं आर्थिक, सामाजिक विकास के साथ ही सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। इनमें अब तक काफी काम हो चुका है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे योजना के पूरा होने की प्रतीक्षा की जा रही है। ये योजनाएं निर्धारित अवधि में पूरी हों, इसके लिए केंद्र के नए बजट में वित्तीय प्रावधान की उम्मीद उत्तराखंड को है।
बजट से उत्तराखंड को उम्मीदें
इसके अतिरिक्त केंद्र और राज्य की ढांचागत विकास की अन्य परियोजनाओं के लिए भी नए बजट में धनवर्षा संभव है। डबल इंजन के दम के कारण ही प्रदेश को कई बड़ी परियोजनाओं के लिए केंद्र सरकार ने धन दिया है। सीमांत क्षेत्रों में नई सड़कों के विस्तार, टनल और रोपवे की योजनाओं के लिए केंद्र ने वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है।
सीएम धामी ने की है अहम नेताओं से मुलाकात
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्र सरकार का नया बजट आने से पहले नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई केंद्रीय नेताओं से भेंट की थी। उन्होंने प्रदेश में चार धाम के अतिरिक्त धार्मिक पर्यटन स्थलों के विकास को राज्य की आर्थिक और रोजगार की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए केंद्र से सहायता देने का अनुरोध भी किया।
मानसखंड माला मंदिर मिशन पर काम कर रही सरकार
विशेष रूप से कुमाऊं मंडल में मानसखंड माला मंदिर मिशन की महत्वाकांक्षी योजना पर प्रदेश सरकार काम कर रही है। हरिद्वार एवं ऋषिकेश के गंगा क्षेत्र को कॉरिडोर के रूप में विकसित करने का दायित्व हाल ही में प्रदेश सरकार की ओर से उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड को सौंपा गया है। उम्मीद की जा रही है कि इन परियोजनाओं को केंद्र की सहायता से मूर्त रूप देने के लिए बजट में प्रावधान किया जा सकता है।
पिछले आम बजट में मिली थी आर्थिक मदद
मोदी सरकार ने अपने पिछले आम बजट में भी पूंजीगत मद में 10 लाख करोड़ की राशि का प्रावधान किया था। पूंजीगत मद में अधिक धनराशि का लाभ उत्तराखंड के अवस्थापना विकास में भी दिखाई पड़ा। उत्तराखंड सीमित वित्तीय संसाधनों के कारण ढांचागत विकास के लिए केंद्र पोषित योजनाओं पर काफी हद तक निर्भर है। हिमालयी राज्यों को विशेष दर्जे के कारण केंद्र पोषित योजनाओं में केंद्र से अधिक अनुदान मिलता है। इन योजनाओं के लिए केंद्र जितना अधिक धनराशि उपलब्ध कराएगी, उसका लाभ प्रदेश को भी मिलना तय है।