उत्तराखंड में लागू आदर्श आचार संहिता निष्प्रभावी, सरकारी कामकाज पकड़ने लगा गति

लोकसभा चुनाव के कारण प्रदेश में लागू आदर्श आचार संहिता निष्प्रभावी हो गई है। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि आदर्श आचार संहिता केवल उन राज्यों में प्रभावी रहेगी, जहां एमलसी के चुनाव अथवा उपचुनाव प्रस्तावित हैं। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता समाप्त होते ही प्रदेश सरकार के कामकाज ने गति पकड़नी शुरु कर दी है। लगभग ढाई माह तक आचार संहिता लागू होने का प्रभाव विकास योजनाओं से लेकर विभागों के कार्यों पर पर पड़ रहा था। गुरुवार को अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने समीक्षा बैठक कर विभागीय योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने को कहा। उन्होंने सरकारी कार्यालयों में अधिक से अधिक कार्य ई-आफिस के माध्यम से ही करने के निर्देश दिए।
सचिवालय में विभिन्न विभागों के साथ बैठक में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं को शीघ्र पूरा करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में हवाई संपर्क के लिए हेलीकाप्टर सेवा उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि इस दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों में हवाई सेवा शुरू की जाएं।

15 झूला पुलों का आगणन तैयार
असुरक्षित पुलों के संबंध में बैठक में बताया गया कि ऐसे 94 पुल प्रदेश में चिह्नित किए गए हैंं। इनमें से 34 पुलों का जीर्णोद्धार किया गया है। शेष सेतुओं का जीर्णोद्वार या नवीनीकरण का कार्य शीघ्र किया जाएगा। 15 झूला पुलों का आगणन तैयार हो चुका है। शेष की डीपीआर चार माह के भीतर प्रस्तुत की जाएगी। प्रदेश में जितने क्रैश बैरियर चिह्नित किए गए हैं, उन्हें इसी वर्ष पूरा किया जाएगा।

विद्यालयों को शीघ्र मिलेगा फर्नीचर
बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शीघ्र ही विद्यालयों में फर्नीचर की आपूर्ति की जाएगी। बजट स्वीकृत हो चुका है। शासकीय स्कूलों में सोलर प्लांट की स्थापना के संबंध में जानकारी दी गई कि वर्ष 2022-23 में 12 मेगावाट के सोलर प्लांट लग चुके हैं। इस वर्ष 2074 स्कूलों में 15.5 मेगावाट के सोलर प्लांट स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। अपर मुख्य सचिव ने सोलर प्लांट की संभावना वाले अन्य स्कूलों को चिह्नित कर उनके संबंध में एक्शन प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

भू-अभिलेखों का दो वर्ष में पूर्ण डिजिटाइजेशन
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में ई-आफिस के कार्य में तेजी लाने को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक कराई जाएगी। बताया गया कि भू-अभिलेख व अन्य शासकीय अभिलेखों का चरणबद्ध डिजिटाइजेशन प्रगति पर है। दो वर्ष की अवधि में इसे पूरा किया जाएगा। कृषि, उद्यान एवं वन विभाग के अंतर्गत चरणबद्ध रूप से बायो फेंसिंग सेचुरेशन के निर्देश दिए गए। उन्होंने बायो फेंसिंग के लिए लगाए जाने वाले पेड़-पौधों का विवरण उपलब्ध कराने को कहा।

इस वर्ष बनेंगे 250 पंचायत भवन
उन्होंने कहा कि स्वरोजगार केंद्रों की स्थापना का कार्य तेजी से किया जाए। इस संबंध में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के 13 सेवा योजना केंद्रों को ही स्वरोजगार केंद्रों के रूप में भी विकसित किया जा रहा है। इन केंद्रों में पुस्तकालय, वीडियो कांफ्रेंसिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। पंचायत राज अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष 250 पंचायत भवनों के निर्माण का लक्ष्य है। अपर मुख्य सचिव ने इसका एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए। बैठक में पुस्तकालयों की स्थापना एवं सुदृढ़ीकरण, विज्ञान व नवाचार केंद्रों की स्थापना, इंडोर व ओपन स्टेडियम की स्थापना, जनपद मुख्यालयों में आडिटोरियम या संस्कृति केंद्रों की स्थापना के कार्यों की भी समीक्षा की गई। इस अवसर पर सचिव एसएन पांडेय, विनोद कुमार सुमन, अपर सचिव सी रवि शंकर, रंजना राजगुरु सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

 

 

 

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