मानसून के दौरान चारधाम यात्रा संचालन पर सरकार की नजर, सीएम धामी ने कसे अधिकारियों के पेंच
प्रदेश में मानसून के दौरान चारधाम यात्रा के सुचारू संचालन पर सरकार नजर रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के क्रम में शासन ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि वे चारधाम यात्रा के वैकल्पिक मार्गों को भी दुरुस्त रखें। इन मार्गों के संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त संख्या में जेसीबी व कार्मिक तैनात किए जाएं। प्रदेश में मानसून के दौरान चारधाम यात्रा मार्ग समेत प्रदेश के प्रमुख मार्गों पर प्रतिवर्ष भूस्खलन और सड़कों के क्षतिग्रस्त होने की घटनाएं होती हैं। इससे चारधाम यात्रा मार्ग बाधित हो जाते हैं। कई जगह स्थिति यह बनती है कि सड़कों के टूटने और इनमें मलबा आने के कारण आवागमन बुरी तरह प्रभावित होता है। इससे यात्रा मार्ग पर यात्री फंस जाते हैं। इन यात्रियों को निकालने में शासन व प्रशासन को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए कुछ वर्ष पहले वैकल्पिक मार्ग चिह्नित किए गए। ये ऐसे मार्ग हैं, जो थोड़ा लंबे जरूर हैं, लेकिन ये यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने में मदद करते हैं। इनका उपयोग अभी भी स्थानीय निवासी करते हैं।
विभिन्न स्थानों पर यात्रा मार्ग से जुड़ते हैं 50 से अधिक मार्ग
यद्यपि, इन मार्गों से अधिक दूरी तय करनी होती है, जिस कारण इनका इस्तेमाल यात्रा के लिए नहीं किया जाता है। ऐसे 50 से अधिक मार्ग हैं, जो विभिन्न स्थानों पर यात्रा मार्ग से जुड़ते हैं। मानसून के दौरान मुख्य मार्गों के क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में इनका उपयोग यातायात को सुचारू रखने में किया जा सकता है। इसे देखते हुए शासन ने सभी जिलों को पत्र लिखकर निर्देश दिए हैं कि ऐसे वैकल्पिक मार्गों को चिह्नित करते हुए इन्हें दुरुस्त रखा जाए। उद्देश्य यह कि मुख्य मार्गों के बंद होने की स्थिति में इन मार्गों का उपयोग यात्रियों को सकुशल निकालने के लिए किया जा सके। इसके लिए जिलों को इन मार्गों पर पर्याप्त संख्या में जेसीबी, अन्य उपकरण व कार्मिकों की तैनाती के निर्देश दिए गए हैं। सचिव लोक निर्माण विभाग डा पंकज कुमार पांडेय का कहना है कि जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि ऐसे मार्गों को दुरुस्त रखा जाए ताकि मुख्य मार्ग बाधित होने की स्थिति में इन मार्गों का उपयोग किया जा सके।