Uttarakhand में कोचिंग सेंटरों पर कसेगा शिकंजा, ऐसा करना होगा अनिवार्य; वरना समेटना होगा ‘बोरिया-बिस्‍तर’

प्रदेश में अब कोचिंग सेंटर पर सरकार का शिकंजा कसने जा रहा है। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने शनिवार को विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के कोचिंग सेंटर के विनियमन को जारी दिशा-निर्देश राज्य में लागू करने को लेकर विस्तृत चर्चा की। बैठक में इस संबंध में केंद्र सरकार के अधिनियम को उत्तराखंड में भी लागू करने पर सहमति व्यक्त की गई। इसके अंतर्गत निजी कोचिंग सेंटर के पंजीकरण को जनपद स्तर पर पंजीकरण प्राधिकारी नामित किया जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने बताया कि कोचिंग सेंटर से संबंधित किसी भी विवाद के समाधान को जनपद स्तर पर ही अपीलीय प्राधिकारी का भी गठन होगा। साथ ही प्रत्येक जनपद में एक नियामक संस्था का गठन किया जाएगा। संस्था के अधिकारी निजी कोचिंग संस्थानों का भ्रमण कर निर्धारित मानकों का परीक्षण करते हुए अपनी रिपोर्ट पंजीकरण प्राधिकारी को सौंपेंगे। उसके उपरांत ही संबंधित सेंटर का पंजीकरण किया जाएगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग प्रस्ताव तैयार कर शीघ्र कैबिनेट में प्रस्तुत करेगा। बैठक में उच्च शिक्षा सचिव शैलेश बगोली, अपर सचिव आशीष श्रीवास्तव, विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, रुसा के सलाहकार प्रो एमएसएम रावत, प्रो केडी पुरोहित, उच्च शिक्षा निदेशक डा अंजू अग्रवाल, उप सचिव ब्योमेश दुबे, संयुक्त निदेशक डा एएस उनियाल सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। वर्चुअल माध्यम से सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति उपस्थित रहे।

सभी शिक्षण संस्थाओं में अनिवार्य रूप से लागू हो शैक्षणिक कैलेंडर: डा धन सिंह रावत
उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सरकार से निर्धारित शैक्षणिक कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा। इसके लिए उच्च शिक्षा निदेशालय के साथ ही सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। साथ ही परीक्षा परिणाम समय पर घोषित करने व प्रवेश प्रक्रिया को शैक्षणिक कैलेंडर के अनुरूप पूर्ण करने को कहा गया है, ताकि समय पर पठन-पाठन शुरू किया जा सके। समर्थ पोर्टल के माध्यम से प्रवेश प्रक्रिया में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए उच्चाधिकारियों को कहा गया है। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने शनिवार को अपने शासकीय आवास पर विभाग की बैठक ली। उन्होंने एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव व एक दीक्षांत के क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों व उच्च शिक्षा निदेशक को शैक्षणिक कैलेंडर अनिवार्य रूप से लागू करने के निर्देश दिए। डा रावत ने कहा कि समर्थ पोर्टल के माध्यम से परीक्षा परिणाम घोषित करने व प्रवेश प्रक्रिया संपन्न कराने में आ रही दिक्कतों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
इसके लिए उन्होंने मौके पर ही शासन के उच्चाधिकारियों को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के साथ ही एनसीसी, एनएसएस, रोवर रेंजर्स के गठन के साथ ही अन्य सामाजिक पहलुओं पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे युवाओं को नैतिक व सामाजिक मूल्यों पर आधारित शिक्षा भी प्राप्त हो सकेगी। विभागीय मंत्री ने लोक पर्व हरेला पर प्रत्येक शिक्षण संस्थान में 20-20 पौधे रोपने पर बल दिया।

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