निर्दलीय विधायक के बयान से उत्तराखंड में मची खलबली, क्‍या 500 करोड़ में गिर जाएगी उत्‍तराखंड की धामी सरकार?

विधानसभा में गुप्ता बंधुओं के सरकार गिराने की साजिश को लेकर उठे विषय पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बात सदन के भीतर बोली गई है। वह समझते हैं कि इसकी छानबीन होगी। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें लगता है कि कोई ताकत ऐसा कर सकती है, मुख्यमंत्री ने कहा कि सदन के भीतर सभी ने सुना है। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि विपक्ष के साथी यदि जल्दबाजी न करते तो अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा हो सकती थी।

सरकार गिराने की फिराक में हैं गुप्ता बंधु: उमेश
बता दें कि निर्दलीय विधायक उमेश कुमार ने विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में भ्रष्टाचार का विषय उठाते हुए कहा था कि देहरादून के बिल्डर सतेंद्र साहनी की आत्महत्या के मामले में फंसने के बाद गुप्ता बंधु प्रदेश सरकार को गिराने की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए वह 400 से 500 करोड़ रुपये खर्च करने को तैयार हैं।

सरकार ने राजस्व बढ़ाने पर किया है फोकस
शुक्रवार को गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मार्च में जो सामान्य बजट प्रस्तुत प्रस्तुत किया गया था, उसी की पूर्ति के लिए यह अनुपूरक बजट पारित किया गया है। उन्हाेंने कहा कि सरकार ने राजस्व बढ़ाने पर फोकस किया है। आबकारी, स्टांप व राजस्व आदि विभागों में काफी राजस्व बढ़ोतरी हुई है। विकास की दिशा में राज्य का प्रदर्शन भी बेहतर रहा है। नीति आयोग द्वारा जारी सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में राज्य का प्रथम स्थान पर रहना इसका प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास केंद्र पोषित योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने का है। राज्यांश कम होने वाली योजनाओं का लाभ प्रदेशवासियों को मिले, इस पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य के अतिथि गृहों का बेहतर ढंग से संचालन कर इन्हें आय के संसाधनों से जोड़ने में मददगार बनाया जा रहा हैं।

अनुपूरक बजट में सभी के लिए कुछ न कुछ
राज्य की भावी पीढ़ी को बेहतर वित्तीय स्थिति का लाभ मिले, इसके लिए सरकार प्रयासरत है। युवाओं के विकास के लिए छात्रवृत्ति, खिलाडि़यों के लिए नीति, पशुधन समेत सभी के लिए कुछ न कुछ अनुपूरक बजट में लाए हैं। आपदा को लेकर पूछे गए सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कहीं पर भी आपदा आई तो प्रशासन, एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के लोग मौके पर पहुंचे हैं। उन्होंने स्वयं यह प्रयास किया है कि वे मौके पर पहुंचें। वह केदारनाथ और घनसाली गए हैं। आपदा को लेकर सरकार व प्रशासन पूरी तरह से संवेदनशील है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गैरसैंण में लंबा सत्र चले, यहां साल भर गतिविधियां हों, इसके प्रयास चल रहे हैं। देहरादून वापस जाकर ग्रीष्मकालीन राजधानी के लिए बड़ी बैठक करेंगे।

 

 

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