हरेला पर दून में लगेंगे एक लाख पौधे, मियावाकी पद्धति से होगा पौधरोपण
पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए देहरादून नगर निगम ने इस वर्ष हरेला पर्व को व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय लिया है। महापौर सौरभ थपलियाल ने इस बार नगर निगम की ओर से एक लाख पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जो शहर को हरित नगर के रूप में विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास होगा। साथ ही वन अनुसंधान संस्थान के सहयोग से मियावाकी पद्धति से पौधे रोपे जाएंगे। हरेला पर्व 16 जुलाई को उत्तराखंड में पारंपरिक रूप से मनाया जाता है और इस अवसर पर प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करते हुए पौधरोपण किया जाता है। महापौर सौरभ थपलियाल ने बताया कि पौधरोपण के लिए शहर में उपयुक्त स्थलों की पहचान कर ली गई है। इन स्थानों पर स्थल के अनुसार पौधों की प्रजातियों का सावधानीपूर्वक चयन किया गया है। पौधे वन विभाग से क्रय किए गए हैं और विभिन्न क्षेत्रों में प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। नगर निगम की ओर से आम नागरिकों, स्कूलों, संस्थानों और स्वयंसेवी संगठनों से इस अभियान में भाग लेने की अपील की गई है। महापौर ने बताया कि हर एक पौधा एक जीवन है और यदि हम सभी एक पौधा भी लगाएं और उसका संरक्षण करें, तो देहरादून को वास्तव में ग्रीन सिटी बनाया जा सकता है। महापौर ने यह भी जानकारी दी कि निगम वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआइ) के सहयोग से एक हरित नीति बनाने की दिशा में भी कार्य कर रहा है। यह नीति शहर में हरियाली को बढ़ाने और ग्रीनिंग गतिविधियों को सुनियोजित तरीके से संचालित करने में सहायक होगी।
मियावाकी तकनीक से होगा पौधारोपण
नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि इस बार नगर निगम ने पौधरोपण के लिए मियावाकी पद्धति अपनाने का निर्णय लिया है। इस तकनीक के तहत पौधों को 10 फीट, चार फीट और दो फीट की ऊंचाई के अनुसार वर्गीकृत कर इस तरह रोपा जाएगा कि वे न केवल तेजी से विकसित हों बल्कि लंबे समय तक जीवित भी रहें।