उत्तराखंड में होगा सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन, सीएम धामी ने किया एलान, कहा- NEP लागू करने वाला पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में सुविधाओं और सेवाओं के विस्तार को सीमांत क्षेत्र विकास परिषद का गठन किया जाएगा। सीमांत जिलों में अब ऐसे नवाचार केंद्र स्थापित होंगे, जिनमें आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य व शिक्षा से जुड़ी उपयोगी जानकारी व प्रशिक्षण दिया जाएगा।
कहा कि सरकार बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के लिए किताबी ज्ञान के साथ ही तकनीकी शिक्षा पर भी विशेष जोर दे रही है और नई शिक्षा नीति लागू करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य बन गया है। वहीं, राजधानी देहरादून देश की पांचवीं साइंस सिटी बनने जा रहा है, जो उत्तराखंड के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री ने रुद्रप्रयाग के गुप्तकाशी स्थित पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय बणसू में दो दिवसीय राज्यस्तरीय चतुर्थ सीमांत पर्वतीय जनपद बाल विज्ञान महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर यह बातें कही। विभिन्न जिलों से आए बाल विज्ञानियों को संबोधित करते हुए उन्होंने महोत्सव की थीम जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक जल संसाधन एवं संरक्षण, आपदा प्रबंधन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा संरक्षण आदि विषयों पर चर्चा की। कहा कि इस आयोजन से सीमांत जिलों के प्रतिभावान बाल विज्ञानियों को नई दिशा और अवसर प्राप्त होंगे। कहा कि आज देश नवाचार, अनुसंधान और आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां छू रहा है। इसलिए सरकार आम जीवन में विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का समावेश कर सीमांत क्षेत्रों के सतत विकास एवं वैज्ञानिक सशक्तीकरण पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।
कहा कि प्रदेश में तकनीक और एआइ को बढ़ावा देने के साथ छात्र-छात्राओं को भविष्य की तकनीक से जोड़ने के लिए स्मार्ट क्लास, रोबोटिक्स और इनोवेशन लैब की स्थापना की गई है। इस मौके पर केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल ने भी विचार रखे।

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