पांखी की विश्वेश्वरी देवी से आया महिलाओं को भी पति की पैतृक संपत्ति में हक का विचार

दो दिन पहले महिलाओं को भी पति की पैतृक संपत्ति में हक दिलाने के प्रदेश सरकार के निर्णय को लेकर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह विचार मेरे दिमाग में 10 साल पहले आया था। जब वह कृषि मंत्री थे और चमोली के पांखी गांव में समूह की महिलाओं से संवाद कर रहे थे। जिसे आज वह अंजाम तक पहुंचा पाए हैं।शुक्रवार को उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि समूह की महिलाओं में से 61 वर्षीय विश्वेश्वरी देवी ने उनसे कहा कि महिला होने के चलते हम लोन नहीं ले सकते हैं। हमारा बैंक में लोने लेने का अधिकार नहीं है। महिलाओं की यह पीड़ा उनके दिमाग में तभी से थी। इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने के निर्देश दिए। आज हम इस मुकाम पर पहुंचे हैं कि राज्य की 37 लाख महिलओं को उनके पैतृक संपत्ति में हक दिलाने में कामयाब हो जाएंगे।

उत्तराखंड सरकार का यह निर्णय महिलाओं के सशक्तीकरण में मील का पत्थर साबित होगा। कुछ ही समय बाद इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल जाएंगे। विश्वेश्वरी देवी के इस आइडिया को लेकर सीएम ने कहा कि अच्छा विचार व सुझाव केवल प्रोफेसर ही नहीं दे सकते हैं, बल्कि आम आदमी भी दे सकता है। 10 साल पहले एक आम महिला की ओर से दिया गया सुझाव, जिसे आज हम निर्णय की स्थित में पहुंचा चुके हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यह 20 वर्षों का सबसे बड़ा सुधारात्मक कदम होगा। इसके लिए मैंने एक सभा में सैकड़ों लोगों से राय भी ली थी। तब इस सुझाव को न केवल महिलाओं ने बल्कि पुरुषों ने भी स्वीकार किया था।

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