महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना – रोजगार का बड़ा जरिया , अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी

उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) रोजगार का बड़ा जरिया अगले वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी रहने वाला है। इस मद के लिए नए बजट में 681 करोड़ रुपये रखे गए हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से ग्रामीण और पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका के संसाधन मुहैया कराए जाएंगे। नए बजट में में मनरेगा में सामग्री मद में इस बार ज्यादा धनराशि खर्च की जाएगी। इस मद में 272.45 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रविधान किया गया है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन योजना में 94.43 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। अल्पसंख्यक युवाओं के कौशल विकास पर जोर देकर उन्हें रोजगार मुहैया कराया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री हुनर योजना का बजट प्रविधान दोगुना किया गया है।

प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के तहत अल्पसंख्यक बहुल विकासखंडों में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने को 40.35 करोड़ की राशि रखी गई है। राष्ट्रीय पोषण मिशन के लिए 43.71 करोड़ और अनुपूरक पोषाहार के लिए 482.73 करोड़ के बजट की व्यवस्था की गई है। बाल पोषण पर राज्य सरकार ज्यादा जोर दे रही है। इसके लिए 482.73 करोड़ बजट रखा गया है। मुख्यमंत्री आंचल अमृत योजना के तहत 13 करोड़ की राशि रखी गई है। प्रदेश सरकार ने नंदा गौरा योजना में 120 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत), राष्ट्रीय आजीविका मिशन (एनयूएलएम), प्रधानमंत्री आवास योजना (हाउसिंग फार आल), स्वच्छ भारत मिशन, नगरीय अवस्थापना का सुदृढीकरण, जल जीवन मिशन (शहरी) एवं स्मार्ट सिटी जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के लिए बजट में 695.16 करोड़ की राशि बजट में तय की गई है।

समेकित बाल विकास योजना में आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री-स्कूल किट एवं मेडिसिन किट उपलब्ध कराने एवं कार्यकर्ताओं के लिए ड्रेस के रूप में दो साड़ी उपलब्ध कराने को 15.43 करोड़ की बजट राशि रखी गई है। अनुसूचित जनजाति विद्याॢथयों के लिए छात्रवृत्ति योजना में 25.65 करोड़ की व्यवस्था की गई है। समग्र शिक्षा अभियान में 1154.62 करोड़ और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत बजट में 153.07 करोड़ रखे गए हैं।

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