नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का दावा, संपर्क में भाजपा के कई नेता, आलाकमान करेगा फैसला, किसकी होगी एंट्री, किसकी नहीं
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देहरादून। उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव का शंखनाद होते ही एक बार फिर नेताओं के दल बदलने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। प्रदेश के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस और पहली बार राज्य की राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही आम आदमी पार्टी के नेताओं के बयान इस बात को और पुख्ता कर रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि दोनों ही दलों के नेताओं का दावा है कि भाजपा के कई असंतुष्ट नेता उनके संपर्क में है। ये कौन नेता है इसका खुलासा करने से दोनों ही दलों के नेता बच रहे हैं।
टिहरी दौरे के दौरान पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने दावा किया है कि भाजपा के कई असंतुष्ट नेता उनके संपर्क में है जो पार्टी ज्वाइन करना चाहते हैं लेकिन हम किसी भी प्रकार का फैसला लेने की जल्दी में नहीं है। भाजपा नेताओं को पार्टी ज्वाइन कराने का अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान को ही करना है। प्रीतम बोले में पहले भी कई बार कह चुका हूं कि राजनीति में दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। प्रीतम ने किसी भी नाम का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन इशारों-इशारों में कहा कि जो लोग कांग्रेस से भाजपा में चले गए थे, उनमें से कई लोग वापसी करना चाहते हैं। जबकि भाजपा के कुछ अन्य असंतुष्ट नेता भी कांग्रेस में शामिल होना चाह रहे हैं। प्रीतम ने कहा कांग्रेस अभी वेट एंड वॉच की नीति अपना रही है।
वहीं प्रीतम सिंह ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कहा कि प्रदेश का विकास ठप्प पड़ा हुआ है। भाजपा को प्रदेश के नहीं सिर्फ अपने विकास की चिंता है। 4 साल में सिर्फ कोरी घोषणाओं और झूठे वायदे के अलावा भाजपा ने धरातल पर कुछ भी काम नहीं किया है। राज्य को लेकर उसके पास कोई ठोस नीति नहीं है। जिसका नतीजा है कि पिछले 4 महीने में तीन मुख्यमंत्री बदले पड़े है। चेहरा बदलने से कुछ होने वाला नहीं है। अगर कुछ काम किया होता तो आज भाजपा नेताओं को कांग्रेस में शामिल होने की जरूरत नहीं पड़ती। इन नेताओं को भी पता लग गया है कि भाजपा एक डूबता हुआ जहाज है। प्रदेश के विकास सिर्फ और सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही कर सकती है। डबल इंजन सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण जनता परेशान है, बेरोजगारी और महंगाई बढ़ रही है। भाजपा सरकार जनता की समस्याओं के समाधान में बुरी तरह असफल साबित हुई है। कर्मचारियों का आंदोलन, बेरोजगार सडकों पर, मातृ शक्ति में नाराजगी, भाजपा के खिलाफ आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। जनता 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल कर झूठे वायदों और कोरी घोषणाओं का हिसाब लेगी।