कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष की विदाई!
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय को पार्टी आलाकमान ने आज सभी पदों से हटा दिया है। किशोर उपाध्याय पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा है।
किशोर उपाध्याय लंबे समय से भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में थे और वह भाजपा के बड़े नेताओं के साथ लंबे समय से देखें भी गए। लेकिन जब किशोर उपाध्याय से बीजेपी में जाने को लेकर सवाल किया गया तो वह यही कहते रहे कि वह अपने संगठन (जल जंगल जमीन वनाधिकार) के कामों को लेकर उनसे मिल रहे हैं। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि किशोर उपाध्याय कभी भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।
टिहरी के विधायक धन सिंह नेगी ने किशोर उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाए थे। उस समय भी हमने आप तक यही खबर पहुँचाई थी की धन सिंह नेगी को यह आभास हो गया था कि किशोर उपाध्याय को टिहरी से बीजेपी टिकट दे रही है। इसलिए उन्होंने यह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर किशोर उपाध्याय पर गंभीर आरोप लगाए हैं। विधायक बनने के बाद धन सिंह नेगी ने कभी किशोर उपाध्याय पर कोई आरोप नहीं लगाया। लेकिन जब धन सिंह नेगी को यह आभास हो गया था कि किशोर उपाध्याय को बीजेपी टिहरी विधानसभा से टिकट दे रही है तो उन्होंने खुलकर किशोर उपाध्याय का विरोध किया है।
किशोर उपाध्याय अभी कुछ दिन पहले बीजेपी के संगठन मंत्री अजेय कुमार से मिलने उनके घर पर देर रात पहुचे थे। जब मीडिया ने उनको सवाल किया तब भी वह मीडिया को टालते रहे। लेकिन अब जिस प्रकार से कांग्रेस आलाकमान ने किशोर उपाध्याय पर कार्रवाई की है। और उन्हें पार्टी के सभी पदों से कार्यमुक्त कर दिया है। अब यह साफ हो जाता है कि किशोर उपाध्याय कभी भी बीजेपी ज्वाइन कर सकते हैं।
लेकिन बड़ा सवाल यह भी है कि क्या किशोर उपाध्याय की राह बीजेपी में इतनी आसान होगी? यह हम इसलिए कह रहे हैं। अगर किशोर उपाध्याय टिहरी विधानसभा से बीजेपी उनको टिकट देती है तो मौजूदा सीटिंग विधायक धन सिंह नेगी पहले ही उनका खुलकर विरोध कर चुके हैं। धन सिंह नेगी ने उन पर और उनके भाई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तो क्या ऐसे में अगर में किशोर उपाध्याय को भारतीय जनता पार्टी टिकट देती है और किशोर उपाध्याय भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाते हैं। तो क्या धन सिंह
नेगी शांत बैठेंगे यह बड़ा सवाल होगा।
लेकिन अभी देखने वाली बात होगी किशोर उपाध्याय कब बीजेपी का दामन थामते हैं। और क्या बीजेपी अगर में उनको टिहरी विधानसभा या किसी और विधानसभा से भी चुनाव लड़ाती हैं। तो किशोर उपाध्याय जीतने में कामयाब होंगे क्योंकि जो बीजेपी के मूल कार्यकर्ता है। वह पहले भी ये स्पष्ट कर चुके हैं कि बाहरी व्यक्तियों को अगर में टिकट दिया जाएगा। तो वह उनका विरोध करेंगे ऐसे में देखना होगा कि क्या किशोर उपाध्याय बीजेपी ज्वाइन करते हैं। तो उनकी राह कितनी आसान होगी यह बड़ा सवाल होगा।
बता दें कि उपाध्याय 2002 और 2007 में विधायक रह चुके हैं और 2014 से 2017 के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष भी। एनडी तिवारी सरकार में मंत्री भी रह चुके उपाध्याय को उत्तराखंड की राजनीति में अहम नेता के तौर पर देखा जाता है लेकिन पिछले कुछ समय से वह कांग्रेस के भीतर उपेक्षा के शिकार के तौर पर देखे जा रहे हैं।