प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर उत्तराखंड हाई कोर्ट सख्त, लोकसभा से पहले होंगे निकाय चुनाव? तैयारियां जोरों पर

प्रदेश में निकाय चुनाव को लेकर अभी तक सिस्टम सुप्त अवस्था में रहा, लेकिन हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से निकाय चुनाव को लेकर की जा रही तैयारियों पर सवाल पूछा तो सिस्टम हरकत में आ गया। देहरादून नगर निगम में वार्डवार मतदाता सूची तैयार करने के लिए कसरत शुरू हो गई है। निगम स्तर पर कुल 671 बूथों में मतदाता सूची अपडेट कर दो फरवरी तक अंतिम सूची जारी कर दी जाएगी। हालांकि, अब भी लोकसभा चुनाव से पूर्व निकाय चुनाव हो पाने की उम्मीद कम है, लेकिन चुनाव तैयारियों को लेकर कवायद शुरू होने से राजनीतिक दलों में जरूर हलचल होने लगी है।

दो दिसंबर को पूरा हो रहा है कार्यकाल
देहरादून नगर निगम बोर्ड का कार्यकाल भी अन्य निकायों की भांति आगामी दो दिसंबर को पूर्ण हो रहा है। महज एक माह का समय शेष है और अभी तक चुनाव को लेकर कोई तैयारी नहीं हो सकी है। हालांकि, हाईकोर्ट ने एक अपील की सुनवाई में निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार से सवाल पूछा। जिसके बाद तंत्र कुछ हरकत में आया है।
निकाय चुनाव कराए जाने की है संभावना
राजनीतिक दल भी अभी तक यह मान बैठे थे कि नगर निगम के चुनाव अप्रैल में होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद ही होंगे। लेकिन, मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू किए जाने से फरवरी या मार्च में निकाय चुनाव कराए जाने की संभावना बन गई है। प्रशासन की ओर से मतदाता सूची से लेकर कर्मचारियों की ड्यूटी लगाने के लिए नगर निगम के सहायक नगर आयुक्त दयाल सिंह को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

नगर निगम जुटा तैयारियों में
नगर निगम के अधिकारी सभी 100 वार्डों में बूथों की संख्या का आंकड़ा और वहां की आबादी का आकलन करने में जुट गए हैं। जिसके तहत देहरादून नगर निगम क्षेत्र में 671 बूथ की लिस्ट तैयार की गई है। जिसमें वार्डों में पांच से लेकर 14 तक बूथ हैं। शहर में सबसे बड़े वार्ड बंजारावाला में ही सर्वाधिक 14 बूथ हैं। अब नगर निगम की ओर से प्रत्येक बूथ के लिए एक कर्मचारी नियुक्त करने के लिए 671 कर्मचारियों की आवश्यकता बताई गई है। इसमें निगम के 100 सुपरवाईजरों को भी शामिल किया जाएगा। इसके बाद प्रगणकों को तहसील के माध्यम से निर्वाचन आयोग को भेजा जाएगा।

अलग होती है निकाय की मतदाता सूची
निकाय चुनाव की मतदाता सूची विधानसभा और लोकसभा चुनाव से भिन्न होती है। ऐसे में निकाय के लिए हर बार ही अलग से सूची तैयार करनी पड़ती है। इसमें किरायेदार भी शामिल होते हैं, जबकि अन्य चुनावों में केवल किरायेदार को उस क्षेत्र में मतदान का अधिकार नहीं होता। वर्ष 2018 में हुए निकाय चुनाव के दौरान निगम की मतदाता सूची में करीब सवा छह लाख मतदाता थे। वहीं बीते पांच वर्ष में निगम क्षेत्र में कम से कम 70 हजार से एक लाख तक आबादी में इजाफा होने की संभावना है।

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