जाने हरिद्वार महाकुंभ के लिए क्या है भारतीय रेलवे की तैयारी- पढ़ें कि रेलवे क्या कर रहा है खास व्यवस्थाएं

हरिद्वार ।

कुंभ को आस्था का महामेला कहा जाता है. कुंभ में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इसे विश्व में सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन माना जाता है. लेकिन हरिद्वार महाकुंभ 2021 में कोरोना के साये को देखते हुए श्रद्धालुओं की संख्या को लेकर सवालिया निशान लगे हुए हैं. दरअसल, ऐसे सवाल उठने के पीछे दो बड़ी वजहें हैं- एक तो कुंभ की अवधि घटाकर 28 दिन किया जाना और दूसरा तमाम तरह की गाइडलाइंस और SOP बाध्यताएं.

देश में पहले जितने भी कुंभ हुए हैं, उनके लिए भारतीय रेलवे की ओर से विशेष ट्रेनों का इंतजाम किया जाता रहा है.

2019 में प्रयागराज कुंभ के लिए 93 स्पेशल ट्रेन चलाई गई थीं.

जहां तक हरिद्वार में होने वाले कुंभ का सवाल है तो रेलवे का कहना है कि उसकी सभी तैयारी पूरी हो चुकी हैं. हालांकि, अभी यहां से सामान्य तौर पर चलने वाली 25 जोड़ी ट्रेन चल रही हैं. लेकिन रेलवे हरिद्वार कुंभ को लेकर कोई स्पेशल ट्रेन नहीं चलाने जा रहा है. रेलवे का कहना है कि उत्तराखंड सरकार की ओर से अतिरिक्त स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए कहा जाएगा, तभी उस पर विचार किया जाएगा.

कोरोना सुरक्षा प्रोटोकॉल के लिए रेलवे जरूर मेला प्रशासन का सहयोग करेगा. हरिद्वार आने वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले की RT-PCR निगेटिव रिपोर्ट साथ लानी होगी, नहीं तो उनका स्टेशन पर ही टेस्ट किया जाएगा. स्टेशन पर बड़े पैमाने पर थर्मल स्कैनिंग, सैनेटाइजर आदि की व्यवस्था भी की गई है.

भीड़ बढ़ने पर हरिद्वार से बाहर जाने वाले यात्रियों के लिए 4 वेटिंग इनक्लोजर बनाये गए है. इन्हें गंतव्य स्थानों के हिसाब से अलग अलग रंग- हरा, गुलाबी, पीला आदि दिए गए हैं. इन्हीं के अंदर टिकट, रिजर्वेशन और पूछताछ काउंटर भी बनाये गये है. प्लेटफार्म नंबर 1,2,3,4,5 पर जाने के लिए अलग मार्ग और प्लेटफार्म 6,7,8,9, पर जाने के लिए अलग मार्ग बनाया गया है.

रेलवे स्टेशन पर लगे 100 से अधिक कैमरे

आतंकवाद की चुनौती को देखते हुए सुरक्षा के नजरिए से हरिद्वार स्टेशन पर पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं. पूरे स्टेशन को तीसरी आंख यानी सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में रखा गया है. इसके लिए सौ से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए हरिद्वार के अलावा नौ और स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. इनमें हरिद्वार के अलावा मोतीचूर, रायवाला ,योगनगरी ऋषिकेश, ऋषिकेश,लक्सर, पथरी, एककड़, एथल एवं ज्वालापुर शामिल है.

स्टेशन पर यात्रियों को डोर फ्रेम मैटल डिटेक्टर से जांच कर प्रवेश दिया जाएगा. वहीं, लगेज स्कैनर मशीन में यात्रियों के सामान की जांच के बाद ही आगे भेजा जाएगा. साथ ही स्टेशन परिसर में किसी भी प्रकार के वाहन के लाने एवं खड़ा करने पर रोक लगाई गई है.

यात्रियों को ट्रेन के समय से करीब 2 घंटे पहले ही स्टेशन पर प्रवेश दिया जाएगा. इसके लिए श्रद्धालुओं से अनुरोध भी किया जाएगा है कि गाड़ी प्रस्थान के दो घंटे पहले ही आरक्षित टिकट धारक स्टेशन परिसर में प्रवेश करें.

रेलवे ने स्टेशन पर एक हाई टेक सेंट्रलाइज्ड कंट्रोल रूम की व्यवस्था की है. इसके जरिए नजीबाबाद से लेकर देहरादून, ऋषिकेश तक सभी स्टेशनों पर भीड़ की स्थिति की निगरानी की जा सकेगी. साथ ही आने और जाने वाली ट्रेनों का सुरक्षित संचालन और टाइम टेबल सुनिश्चित किया जा सकेगा. ,

कुंभ को ध्यान में रखकर अन्य स्टेशन पर भी इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार किया है जिसमे रेलवे ने पथरी स्टेशन पर प्लेटफार्म नंबर एक की ऊंचाई बढ़ाई है और अतिरिक्त प्लेटफार्म शेल्टर बनाए हैं. हरिद्वार स्टेशन के पास पुरुषार्थी मार्केट पर एक पैदल ओवरब्रिज बनाया गया है. इसके अलावा अन्य कई शहरों में भी पैदल ओवरब्रिज बनाए गए हैं. ज्वालापुर स्टेशन पर दो नए हाईलेवल प्लेटफार्म बनाने के साथ हाई मास्ट से समुचित लाइट की व्यवस्था की गई है. मोतीचूर स्टेशन पर जंगल साइड में लाइट बढ़ाई गई है.

हरिद्वार स्टेशन का सौंदर्यीकरण करते हुए उसे आकर्षक रंगीन लाइट से सजाया गया है. हरिद्वार के अलावा ऋषिकेश में डिस्प्ले सिस्टम की व्यवस्था की गयी है. लक्सर हरिद्वार खण्ड लाइन का दोहरीकरण किया गया है.

कुंभ में आने वाले यात्रियों को पानी की किसी तरह का किल्लत न हो, इसके लिए खास ध्यान दिया जा रहा है. पानी की निरन्तर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए बोरिंग एवम् ओवरहेड टैंक से इंतजाम किया गया है. रेलवे की ओर से मच्छरों की समस्या से निपटने की ओर भी गौर किया जा रहा है.

श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु गाड़ियों के आने/जाने का समय एवम् प्लेटफार्म संख्या की लगातार एनाउंसमेंट होता रहेगा. श्रद्धालुओं के लिए शौचालय, बैठने के लिए बेंचों को भी पर्याप्त संख्या में बढ़ाया जा रहा है.

 

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