SDRF द्वारा मैन्युअली अर्ली वार्निंग सिस्टम किया गया विकसित
ऋषिगंगा के मुहाने पर बनी झील के पानी से फिलहाल कोई खतरा न हो, लेकिन लगातार राज्य आपदा प्रतिवादन बल उत्तराखंड (SDRF) सतर्क है,। पैंग, तपोवन व रैणी में SDRF की एक – एक टीम तैनात की गई है।दूरबीन , सैटेलाइट फोन व PA सिस्टम से लैस SDRF की टीमें किसी भी आपातकालीन स्थिति में आसपास के गांव के साथ जोशीमठ तक के क्षेत्र को सतर्क कर देंगी।
रिद्धिम अग्रवाल,अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, आपदा प्रबंधन प्राधिकरण उत्तराखंड एवं DIG SDRF* ने बताया कि SDRF की टीमें लगातार सैटेलाइट फोन के माध्यम से सम्पर्क में है। जिनके द्वारा जलभराव क्षेत्र का निरीक्षण किया गया जहां झील बनी है इससे फिलहाल खतरा नही है।
यदि किसी भी प्रकार से जल स्तर बढ़ता है तो ये अर्ली वार्निंग SDRF की टीमें तत्काल ही संभावित प्रभावित क्षेत्र को इसकी सूचना प्रेषित करेगी। इस अलर्ट सिस्टम से ऐसी स्थिति मैं नदी के आस पास के इलाकों को 5 से 7 मिनट में तुरंत खाली कराया जा सकता है। SDRF के दलों ने रैणी गाँव से ऊपर के गांव के प्रधानों से भी समन्वय स्थापित किया है। जल्द ही दो तीन दिनों में आपदा प्रभावित क्षेत्रों में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगा दिया जाएगा जिससे पानी का स्तर डेंजर लेवल पर पहुंचने पर आम जनमानस को सायरन के बजने से खतरे की सूचना मिल जाएगी।इस बारे में SDRF की ये टीमें ग्रामीणों को जागरूक भी कर रही है।