हरीश रावत और प्रीतम सिंह के रिश्तों में क्या नींबू पार्टी से घुलेगी मिठास, चर्चाएं पकड़ने लगी जोर

मिर्च और मिठास युक्त हरी चटनी से सने नींबू, माल्टा की चाट और जलेबी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के रिश्तों में आई खटास को दूर कर मिठास घोलेगी, इसे लेकर चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। 10 मार्च को चुनाव परिणाम आने में अभी वक्त है, लेकिन कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हरीश रावत यानी हरदा पार्टी के भीतर ही अपने प्रतिद्वंद्वियों को साधने की जुगत में हैं। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में रविवार को हरदा ने नींबू की पार्टी देकर हरदा ने नई जुगलबंदी के संकेत दिए।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत नैनीताल जिले की लालकुआं सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हैं। चुनाव से पहले और फिर उसके बाद अपने विधानसभा क्षेत्र में लंबा समय बिता कर देहरादून लौटे हरदा ने रविवार को सने नींबू की पार्टी दी। उत्तराखंडियत की मुहिम चलाते रहे रावत की इस पार्टी ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं को भी गर्मा दिया है। चुनाव निपटने के तुरंत बाद ही मुख्यमंत्री बनेंगे या घर बैठेंगे, के उनके वक्तव्य को हाईकमान को संदेश देने की उनकी रणनीति के हिस्से के रूप में देखा गया है।
सीएम पद के लिए समर्थन जुटाने की रणनीति

अब उनकी नींबू पार्टी को मुख्यमंत्री पद के लिए समर्थन जुटाने की उनकी मुहिम के तौर पर देखा जा रहा है। उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के लिए बीती 14 फरवरी को हुए मतदान के बाद से ही कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं। मतदान केंद्रों से मिले फीडबैक को पार्टी अपने पक्ष में मान कर चल रही है। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद की चाहत रखने वालों की कमी नहीं है। हरीश रावत ने बीते पांच वर्षों में विपक्ष में रहते हुए भी इस पद दौड़ में सबसे आगे बने रहने में कसर नहीं छोड़ी। पार्टी हाईकमान के निर्देश पर चुनाव भले ही सामूहिक नेतृत्व में लड़ा गया, लेकिन चुनाव प्रचार की बागडोर उन्हीं के हाथों में रही है।
हरदा को प्रीतम सिंह से मिलती रही है चुनौती

हालांकि सच ये भी है कि मुख्यमंत्री पद की उनकी चाहत को पार्टी के भीतर से ही चुनौती मिल रही है। नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने बार-बार सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़े जाने पर जोर देते रहे। चुनाव परिणाम पक्ष में आने के बाद हाईकमान के स्तर से ही मुख्यमंत्री पद पर निर्णय किए जाने की उनकी बात को राजनीतिक हलकों में हरदा को चुनौती के तौर पर माना गया। नींबू पार्टी में प्रीतम पहुंचे तो हरदा ने उनका मुंह मीठा कराने में देर नहीं लगाई। कुछ देर बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल भी पार्टी में शामिल होने के लिए पहुंच गए। प्रीतम सिंह के साथ पार्टी में कुछ पुराने रूठे हुए चेहरे भी नजर आए, इसे हरदा का नया दांव भी माना जा रहा है।

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