एनएच-74 घोटाले में एनएचएआइ अधिकारी के ठिकानों पर सीबीआइ के छापे, कई दस्तावेज किए बरामद

बहुचर्चित राजमार्ग (एनएच-74) घोटाले में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के एक बड़े अधिकारी के घर व दफ्तर में सीबीआइ ने गुरुवार को छापे मारे। बताया जा रहा है कि यहां से सीबीआइ ने तमाम दस्तावेज बरामद किए हैं। सीबीआइ के सूत्रों के अनुसार, यह कार्रवाई एनएच घोटाले की प्रारंभिक जांच के तहत की गई है। फिलहाल इस मामले में सीबीआइ ने मुकदमा दर्ज नहीं किया है।
सीबीआइ दिल्ली और देहरादून की संयुक्त टीम गुरुवार को दोपहर में ईसी रोड स्थित द सालिटियर रेजीडेंसी पहुंची। सीबीआइ की टीम को देखकर अपार्टमेंट में हड़कंप मच गया। सीबीआइ के अधिकारी व कर्मचारीएनएचएआइ के अधिकारी के फ्लैट में पहुंचे और बाहर पुलिस को तैनात कर दिया। इसके अलावा एनएचआइ के कार्यालय में भी सीबीआइ ने छापा मारा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के आदेश पर सीबीआइ प्राथमिक जांच कर रही है। इसी के तहत यह कार्रवाई की जा रही है। देर रात तक सीबीआइ ने एनएचएआइ अधिकारी के देहरादून स्थित तीन ठिकानों पर कार्रवाई की। सीबीआइ की टीम में कुल 12 लोग बताए जा रहे हैं। एनएचएआइ के इस अधिकारी के घर से बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए हैं। इस कार्रवाई पर सीबीआइ के स्थानीय अधिकारी कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं।
घोटाले में अधिकारी की भी बताई जा रही है संलिप्तता:
हरिद्वार से सितारगंज तक 252 किमी एनएच-74 के चौड़ीकरण के लिए वर्ष 2012-13 में प्रक्रिया शुरू की गई। कुछ किसानों ने आरोप लगाया था कि अफसरों, कर्मचारियों व दलालों से मिलीभगत कर बैकडेट में कृषि भूमि को अकृषि दर्शाकर करोड़ों रुपये मुआवजा लिया। इससे सरकार को करोड़ों रुपये की क्षति हुई। इस मामले की कई बार शिकायत की गई तो एनएच-74 निर्माण कार्यों में प्रथमदृष्ट्या धांधली की आशंका जताई गई। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शपथग्रहण समारोह के बाद घोटाले की जांच करवाने के आदेश जारी किए थे।
11 मामलों में एनएचएआइ अधिकारी का नाम

एनएच-74 घोटाले में 11 प्रकरण किच्छा से संबंधित हैं। बताया जा रहा है कि इन्हीं मामलों में एनएचएआइ अधिकारी का नाम भी सामने आया है। बताया जा रहा है कि एनएचआइ अधिकारी की देखरेख में एनएच-74 का चौड़ीकरण का काम चल रहा था। उस वक्त मुआवजे को लेकर हुई गड़बड़ी में तो राज्य पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की थीं, लेकिन केंद्र के अधिकारी होने के नाते एनएचएआइ के अधिकारियों पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर सकी थी

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