इन महिलाओं को मिला तीलू रौतेली पुरस्‍कार; सीएम बोले- महिलाओं ने सिद्ध किया वह किसी से कम नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समारोह में सम्मानित करना स्वयं को सम्मानित व गौरवांवित महसूस करने जैसा है। इस बार दोनों पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाकर 51 हजार कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके भाई के रूप में आपके लिए जो सबसे बेहतर होगा वह करने को तैयार रहेंगे। राज्य के सामने बहुत सारी चुनौतियां है जिन्हे पार पाना है।
विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य कर दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही प्रदेश की 14 महिलाओं व युवतियों को राज्य स्त्री शक्ति तीलू रौतेली, 35 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को आंगनबाड़ी कार्यकत्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
पुरस्कार प्राप्त करने वालों के खाते में डिजिटल हस्तांतरण के माध्यम से 51-52 हजार की धनराशि जारी की गई। समारोह में मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि तीलू रौतेली को उत्तराखंड की झांसी की रानी कहकर याद करना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। महिलाओं ने भी सिद्ध किया कि वह किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आपके भाई के रूप में जो भी सबसे बेहतर होगा वह करने को तैयार रहेंगे।
मंगलवार को सर्वे चौक स्थित आइआरडीटी सभागार में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग की ओर से पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विशिष्ट अतिथि विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने कार्यक्रम की शुरूआत की।
इस दौरान शिक्षा, साहसिक कार्य, कला क्राफ्ट, संस्कृति, खेल, साहित्य, आजीविका संवर्द्धन, स्वच्छता, समाजसेवा समेत विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार प्रदान किए गए। जिसमें प्रतीक चिह्न, शाल, प्रमाण पत्र प्रदान किए। मानसी नेगी व प्रीति के बाहर होने के चलते उनके स्वजन को यह पुरस्कार सौंपा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समारोह में सम्मानित करना स्वयं को सम्मानित व गौरवांवित महसूस करने जैसा है। इस बार दोनों पुरस्कारों की धनराशि बढ़ाकर 51 हजार कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपके भाई के रूप में आपके लिए जो सबसे बेहतर होगा वह करने को तैयार रहेंगे। राज्य के सामने बहुत सारी चुनौतियां है जिन्हे पार पाना है, इसके लिए सरकार को निर्णय लेने पड़ते हैं। इसके बाद भी जो बेहतर होगा वह कार्य करेंगे।
उत्तराखंड बनाने में मातृशक्ति का योगदान हमेशा याद रहेगा। राष्ट्र को नई दिशा देने का काम आज महिलाएं कर रही हैं। महिलाओं ने आज हर जगह पर सिद्ध किया है कि वह किसी से कम नहीं है। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि सरकार ने सरकारी नौकरी में 30 प्रतिशत लाभ देने का काम गति से किया है।
प्राथमिक शिक्षा प्रवेश में न्यूनतम आयु छह वर्ष करने, पोषण अभियान 20 हजार 67 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोबाइल फोन उपलब्ध कराने का काम किया है। राज्य में वन स्टाप सेंटर में 1265 मामलों में 914 का हल किया गया है। स्वयं सहायता समूहों को बिना ऋण पांच लाख तक का लोन दिया जा रहा है।
विभागीय सचिव एचसी सेमवाल ने कहा कि केंद्र सरकार के पैरामीटर के अनुसार 135 में से 35 आंगनबाड़ी कार्यकताओं को सम्मानित किया जा रहा है। राज्य में 20 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन हो रहा है। इस दौरान तीलू रौतेली पर बनी लघु फिल्म प्रदर्शित की गई। इस मौके पर राजपुर रोड विधायक खजान दास, विभाग के उप निदेशक विक्रम सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी मोहित चौधरी आदि मौजूद रहे।

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बच्चों से जुड़ाव किसी मां से कम नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरे दोनों बच्चों ने शुरुआती शिक्षा आंगनबाड़ी केंद्रों से की। कहा कि जो आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बच्चों से जुड़ाव होता है वह किसी मां से कम नहीं है। कहा कि यह पुरस्कार समाज में नई दिशा देने के साथ अन्य को भी प्रेरणा देने का काम करेंगे।
‘हर महिला तो बनना होगा तीलू रौतेली’
पुरस्कार वितरण समारोह में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की वेशभूषा में पहुंची। यह देख कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ा व कुछ जयकारे लगाने लगे। विभागीय मंत्री ने कहा कि वीरांगना तीलू रौतेली के जन्मदिवस पर आज के दिन बेहतर काम कर रही तीलू रौतेली को ढूंढकर सम्मानित करने का प्रयास किया जा रहा है। जितना देवभूमि के रूप में उत्तराखंड का परिचय होता है उसी तरह देवियों की भूमि के रूप में हो।
इसके लिए हर महिला तो तीलू रौतेली बनना होगा, परिश्रम करना होगा। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से कहा कि आज मेरी वेशभूषा भी आपकी तरह है। मंच की सीट पर मैं नहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता यानी आप बैठी हैं। कहा कि यह वेशभूषा आपकी सेवाओं का प्रतीक है। जहां आंगनबाड़ी को सम्मान के साथ मानदेय मिल रहा है, ऐसा करने वाला उत्तराखंड दूसरे स्थान पर है।

अपनी क्षमता भाव दिखाना इंसान का असली परिचय
विभागीय मंत्री ने कहा की जाति, वर्ग, रंग की बात कहने वाला कमजोर होता है। इंसान के कर्मों से बड़ी कोई चीज नहीं, जब जब इंसान अपनी क्षमता भाव दिखाता है वही उसका असली परिचय बनता है। कहा कि तीलू रौतेली ने 15 वर्ष में जो काम किया वह आज की महिलाएं बेटियां अपनी क्षमता को पहचान कर किसी भी परिस्थिति व किसी भी उम्र में कर सकती हैं। कहा कि मेरी माटी मेरा देश अभियान को मिलकर सफल बनाएं।

इन्हें मिला तीलू रौतली पुरस्कार
नाम, जिला, क्षेत्र
गरिमा जोशी, अल्मोड़ा, खेल (दिव्यांग वर्ग),
मोहिनी कोरंगा, बागेश्वर, खेल (दिव्यांग वर्ग),
मानसी नेगी, चमोली, खेल,
शाम्भवी मुरारी, चम्पावत, कला एवं योग,
अमीशा चौहान, देहरादून, पर्वतारोहण, (दिव्यांग वर्ग),
दिव्या भारद्वाज, हरिद्वार, खेल,
मंजू पांडेय, नैनीताल, साहित्य, शिक्षा व सामाजिक,
कमला अरोड़ा, नैनीताल, सामाजिक क्षेत्र,
नूतन पंत, पौड़ी, महिला रोजगार,
निवेदिता कार्की, पिथौरागढ़, खेल,
प्रीति, रुद्रप्रयाग, खेल व पर्वतारोहण
हिमानी, टिहरी, खेल,
नीलिमा राय, ऊधम सिंह नगर, खेल (दिव्यांग वर्ग)

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