पीएनबी की रायवाला शाखा में हुआ करोड़ों का गबन, मेटलाइफ एजेंट हुआ फरार; गुस्से में लोग
उत्तराखंड में बैंक में गबन का मामला सामने आया है। इस गबन का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। ये पूरा मामला उत्तराखंड के देहरादून का है। देहरादून के रायवाला में पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। लोगों ने ही इस घोटाले की जानकारी दी है और इसका आंकड़ा करोड़ों के पास पहुंच चुका है। पंजाब नेशनल बैंक की रायवाला शाखा में गबन किए गए पैसों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। अब तक 16 ग्राहक शिकायत दे चुके हैं। जिससे आंकड़ा एक करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। वहीं शुक्रवार को भी ग्राहकों ने बैंक में हंगामा किया और प्रबंधक का घेराव करते हुए जल्द पैसा न लौटाने पर बैंक में तालाबंदी की चेतावनी दी। इस दौरान ग्रामीणों ने बैंक के समक्ष प्रदर्शन भी किया। वहीं, गुस्साए ग्रामीण एक बार फिर थाना रायवाला के प्रभारी निरीक्षक से भी मिले।
उठ रहे हैं कई सवाल
गबन में जिस मेटलाइफ एजेंट की भूमिका सामने आ रही है, वह फरार बताया जा रहा है। पुलिस टीम उसकी तलाश में जुटी है। एजेंट के स्वजन से भी पुलिस टीम ने पूछताछ की है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक ग्राहक के खाते से बिना अनुमति के दूसरे ग्राहक के खाते में रकम ट्रांसफर हुई। रकम की हेराफेरी से बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बैंक के क्षेत्रीय अधिकारी विराज डोगरा का कहना है कि सीनियर ऑफिसर मामले की जांच कर रहे हैं।
फरार चल रहा है मेटलाइफ एजेंट
फर्जी बांड पत्र से लगाई चपत जांच में यह बात सामने आई है कि एजेंट ने ग्राहकों को मेटलाइफ पॉलिसी के नकली बांड थमाकर लाखों की धोखाधड़ी की है। एजेंट ने ग्राहकों को जो बांड दिए वह किसी निजी कंप्यूटर में तैयार किए गए हैं, मगर उन पर पीएनबी की गोल मोहर लगी है। जिसकी वजह से ग्राहकों को इसके फर्जी होने का पता नहीं चला। वहीं ज्यादातर ग्राहकों का पैसा हरिद्वार निवासी एक महिला के यूनियन बैंक और एचडीएफसी बैंक खाते में ट्रांसफर हुए हैं। वहीं, शुक्रवार को मेटलाइफ कंपनी के अधिकारियों को भी बैंक में बुलाया गया था, मगर वह नहीं आए।
बैंक स्टेटमेंट लेने को उमड़ी भीड़
गबन का मामला सामने आने के बाद पंजाब नेशनल बैंक के ग्राहकों में हड़कंप की स्थिति है। शुक्रवार को शाखा में स्टेटमेंट लेने और पासबुक अपडेट कराने के लिए ग्राहकों की भीड़ उमड़ी रही। वहीं कुछ देर बाद पासबुक अपडेट करने वाली दोनों मशीनों ने काम करना बंद कर दिया। ग्राहकों का आरोप था कि गबन छिपाने के लिए मशीने बंद की गई है। वहीं शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्राहकों ने बैंक में जमा पूंजी निकाली दी। जबकि कई ग्राहकों ने खाता बंद करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।