‘समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड’, इंदौर में बोले सीएम धामी

उत्तराखंड समान नागरिक संहिता लागू करने वाले देश का पहला राज्य बनेगा। विधानसभा चुनाव से पहले हमने उत्तराखंड की जनता से वादा किया था कि इसे लागू करेंगे। सरकार बनते ही हमने इसके लिए समिति गठित कर दी। समिति ने लाखों व्यक्तियों से सुझाव लिए, 20 हजार से ज्यादा व्यक्तियों से प्रत्यक्ष मुलाकात की। समिति ने दस्तावेज शासन को सौंप दिए हैं। समान नागरिक संहिता को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है। यह बात बुधवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कही। वह उत्तराखंड सांस्कृतिक संस्था की ओर से आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं यहां नेता के रूप में नहीं, देवभूमि के मुख्य सेवक के रूप में आया हूं। मुझे यह देख प्रसन्नता होती है कि देवभूमि के लोग ने अपनी परंपरा को नहीं छोड़ा है। लंदन, दुबई कहीं भी जाओ, देवभूमि के लोग पारंपरिक वेशभूषा में नजर आते हैं। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आठ और नौ दिसंबर को वैश्विक निवेशक सम्मेलन होने जा रहा है। इसमें विश्व भर से निवेशक आ रहे हैं। इंदौर में रहने वाले उत्तराखंड वासियों से कहा कि आप इंदौर में देवभूमि के ब्रांड एंबेसडर के रूप में काम करें।

लैंड जिहाद और लव जिहाद पनपने नहीं देंगे
धामी ने कहा कि उत्तराखंड में शासकीय जमीन पर अतिक्रमण हो रहा था। हमने इसे लेकर सख्ती की और साढ़े तीन हजार एकड़ से ज्यादा जमीन को अतिक्रमण से मुक्त कराया। चाहे लैंड जिहाद हो या लव जिहाद, हम उत्तराखंड की जमीन पर दोनों को पनपने नहीं देंगे। लव जिहाद रोकने के लिए सख्त प्रावधान किए हैं। मतांतरण रोकने के लिए कानून बनाया है। हम देवभूमि का मूल स्वरूप बिगड़ने नहीं देंगे।
दुबई यात्रा के संस्मरण सुनाते हुए धामी ने कहा कि वहां ऊंची-ऊंची इमारतों के भीतर तापमान 15-20 डिग्री होता है, लेकिन बाहर निकलो तो 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान होता है। यह मानव निर्मित है, लेकिन हमारे उत्तराखंड में ऐसा नहीं होता। यहां अगर अंदर 15 डिग्री तापमान है तो बाहर भी लगभग इतना ही होता है। वह भी बगैर एयर कंडीशनर के। हमारा उत्तराखंड ईश्वर निर्मित है।

मप्र से बताया नाता, सागर से की थी 10 वीं की पढ़ाई
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मध्य प्रदेश से उनका पुराना नाता रहा है। उन्होंने 10वीं तक की पढ़ाई सागर में की है। अब मप्र बहुत बदल गया है। किसी समय यह बीमारू राज्य था। गड्ढों को ही हाईवे समझ लिया जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। भाजपा सरकार बनने पर वर्ष 2003 के बाद यहां तेजी से विकास हुआ है।

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