अनुच्छेद 370 को लेकर सीएम धामी ने कही बड़ी बात, कश्मीरी युवा अब पत्थर नहीं, नौकरी ढूंढता है
केंद्र सरकार ने छह अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाई थी। इसके बाद से ही कश्मीर की सूरत बदलनी शुरू हुई और अब हालात काफी बेहतर हो चुके हैं। पिछले चार वर्षों में कश्मीर में विकास के नए आयाम देखने को मिले हैं। कश्मीरी युवा अब पत्थर नहीं ढूंढता, बल्कि पढ़-लिखकर नौकरी खोज रहा है। कारोबार के लिए भी परिस्थितियां अनुकूल होने लगी हैं। दून में रह रहे कश्मीरी विस्थापितों ने भी केंद्र सरकार के निर्णय को सही ठहराने पर सुप्रीम कोर्ट का आभार जताया है। विस्थापितों ने इस ऐतिहासिक कदम से कश्मीर के साथ ही देश को हो रहे लाभ पर दैनिक जागरण से विचार साझा किए।
कश्मीरी विस्थापित ने कही ये बात
दून के वरिष्ठ अधिवक्ता सुधीर कुमार धर भी कश्मीरी विस्थापित हैं। कई वर्ष पहले जब कश्मीर में हालात बिगड़े तो वह परिवार के साथ देहरादून आकर बस गए थे। हालांकि, उनके कई परिचित अब भी कश्मीर में है और वह उनसे लगातार संपर्क में रहते हैं। सुधीर का कहना है कि धारा-370 हटने के बाद कश्मीर की सूरत पूरी तरह बदल गई है। अब कश्मीर में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट धरातल पर उतर रहे हैं। कश्मीरियों को केंद्र सरकार की आर्थिक सहायता का लाभ मिलने लगा है। वह कहते हैं कि कश्मीर में राजनीति करने वाले कुछ परिवारों को जरूर इससे तकलीफ हुई, लेकिन आम नागरिक खुश है।
धारा-370 हटाकर कश्मीरियों को अपने पैरों पर खड़ा किया
दून निवासी अवतार कृष्ण कौल का परिवार भी कभी कश्मीर में रहता था, लेकिन हालात ने विस्थापन के लिए मजबूर कर दिया। इस कारण अवतार का बचपन दून में बीता, लेकिन कश्मीर से जुड़ाव बना रहा। वह कश्मीरी सभा से भी जुड़े हुए हैं। अवतार बताते हैं कि विस्थापन के बाद उनका कई बार कश्मीर में अपने पैतृक गांव जाना हुआ, लेकिन धारा-370 हटने के बाद जो बदलाव आए हैं, उन्हें देखकर हर्ष होता है। कभी कश्मीर घाटी में जो युवा पत्थर उठाते थे, अब उन्हें रोजगार मिल रहा है। वह कहते हैं कि तरक्की और खुशहाली मिलेगी तो कोई क्यों आतंकी बनेगा। केंद्र सरकार ने धारा-370 हटाकर कश्मीरियों को अपने पैरों पर खड़ा किया है। आने वाले समय में हमें एक नया कश्मीर नजर आएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई केंद्र सरकार के फैसले पर मुहर: धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय का जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के संबंध में दिया गया निर्णय, केंद्र सरकार के देश हित एवं जम्मू-कश्मीर व लद्दाख के समग्र विकास के संबंध में लिए गए निर्णय पर मुहर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का जो ऐतिहासिक कार्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया, उसे आज उच्चतम न्यायालय ने सही ठहराया है। इस फैसले से जम्मू-कश्मीर के लोग देश की मुख्य धारा से जुड़ सकेंगे तथा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही निवेश बढ़ेगा। साथ में राज्य में हर क्षेत्र में विकास के नए द्वार खुलेंगे।