बाल संप्रेक्षण गृह में रह रही नाबालिग से दुष्कर्म के मामले की जांच को कमेटी गठित, तीन पर कार्रवाई

राजकीय महिला कल्याण एवं पुनर्वास केंद्र के बाल संप्रेक्षण गृह में रह रही किशोरी के साथ दुष्कर्म मामले में उसे बाहर ले जाने वाली महिला विभागीय अनुसेवक व होमगार्ड के विरुद्ध प्राथमिकी के बाद निलंबन की भी कार्रवाई की गई है। बाल विकास मंत्री रेखा आर्या के आदेश पर अनुसेवक दीपा आर्या को निलंबित कर दिया है। वहीं होमगार्ड गंगा को तत्काल प्रभाव से उसके विभाग को वापस भेज दिया है। मामले में दो सदस्यीय विभागीय जांच समिति का भी गठन किया गया है। जांच समिति में मुख्य परिवीक्षा अधिकारी मोहित चौधरी व उप मुख्य परिवीक्षा अधिकारी अंजना गुप्ता को शामिल किया है।

गलत काम के लिए मजबूर का आरोप
किशोरी को 17 नवंबर से 12 दिसंबर के बीच एक बार महिला अस्पताल व दो बार डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में स्वास्थ्य जांच के लिए ले जाया गया। किशोरी ने इसी दौरान उसे अस्पताल के समीप अन्य जगह ले जाने और वहां गलत काम के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को न्यायिक अधिकारी ने बाल संप्रेक्षण गृह का निरीक्षण किया था। इस दौरान 15 वर्षीय किशोरी ने न्यायिक अधिकारी को बताया कि संस्थान की अनुसेवक दीपा व होमगार्ड गंगा उसे बाहर ले जाती हैं। जहां उसके साथ मारपीट व दुष्कर्म होता है। न्यायिक अधिकारी ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को जांच कर प्राथमिकी कराने के निर्देश दिए। मध्य रात्रि बाद सीडब्ल्यूसी के सदस्य रविंद्र रौतेला ने दीपा और गंगा के विरुद्ध तहरीर दी। पुलिस ने दोनों के विरुद्ध दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के तहत नामजद प्राथमिकी की। विवेचना एसआइ ज्योति कोरंगा को सौंपी है।
पुलिस जांच में अब तहत सामने आया है कि किशोरी ऊधम सिंह नगर जिले की रहने वाली है। प्रेमी के साथ घर से भागी किशोरी को ऊधम सिंह नगर पुलिस ने दिल्ली से बरामद किया था। स्वजन के साथ जाने से इन्कार करने पर उसे आठ नवंबर को संप्रेक्षण गृह हल्द्वानी भेजा गया था।

 

 

 

 

 

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