संविदाकर्मी होंगे पक्‍के, पुष्‍कर सिंह धामी कैबिनेट ने दी मंजूरी; लेकिन केवल इन्‍हें मिलेगा लाभ

कैबिनेट ने हाईकोर्ट के निर्णय के क्रम में विनियमितीकरण नियमावली को मंजूरी प्रदान कर दी है। इस नीति के अनुसार प्रदेश में 10 वर्ष तक तदर्थ व संविदा कर्मी के रूप में सेवा देने वाले कर्मचारी नियमित हो सकेंगे। अब कार्मिक विभाग नियमावली से लाभान्वित होने वालों की कट आफ डेट तय करने के साथ ही यह तय करेगा कि नियमावली को मौजूदा परिप्रेक्ष्य में किस तरह से लागू किया जाए। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी की कैबिनेट के इस निर्णय से सरकारी विभागों, निगमों, परिषदों व स्वायत्तशासी संस्थाओं में 10 वर्ष तक लगातार कार्य करने वाले तदर्थ व संविदा कर्मियों के नियमित होने की राह खुल गई है। राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में सरकारी विभागों, निगमों, परिषदों एवं स्वायत्तशासी संस्थाओं में काम करने वाले तदर्थ, संविदा कर्मियों के विनियमितीकरण के लिये एक नियमावली तैयार की थी। इसमें प्रविधान किया गया कि वर्ष 2011 में बनाई नियमावली के तहत जो कर्मचारी विनियमित नहीं हो पाए, उन्हें विनियमित किया जाएगा।
उस समय यह कहा गया कि उत्तराखंड राज्य नौ नवंबर 2000 को अस्तित्व में आया और कई वर्ष बाद भी सरकारी विभागों का गठन होता रहा, इसलिये उनमें तैनात कर्मचारियों को वर्ष 2011 की नियमावली का लाभ नहीं मिल पाया। इसके बाद सरकार ने वर्ष 2016 में संशोधित विनियमितीकरण नियमावली जारी की, जिसमें 10 वर्ष की सेवा अवधि को घटाकर पांच वर्ष तक सीमित कर दिया गया। इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई, जिस पर हाईकोर्ट ने नियुक्तियों पर रोक लगा दी थी। अब इसी फरवरी में हाईकोर्ट ने 2013 की विनियमितीकरण नियमावली को सही ठहराया, जिसमें 10 साल तक कार्य करने वाले संविदा व तदर्थ कर्मियों को विनियमित करने की व्यवस्था है। कोर्ट के इस निर्णय के क्रम में कार्मिक विभाग ने वर्ष 2013 की विनियमितीकरण नियमावली की तर्ज पर ही संशोधित नियमावली कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की, जिसे कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *