Uttarakhand Cabinet ने सरकारी अस्पतालों में सस्‍ते उपचार पर लगाई मुहर

प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में अब और सस्ता उपचार मिलेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 रुपये और जिला व उप जिला चिकित्सालयों में 20 रुपये पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। इसी प्रकार आइपीडी में भी पंजीकरण की दरों को घटाया गया है। साथ ही अस्पताल में भर्ती होने के बाद कमरों की दरों और सरकारी एंबुलेंस की दरों को भी कम किया गया है। यह भी व्यवस्था की गई है कि स्वास्थ्य केंद्रों से हायर सेंटर अथवा अस्पतालों में मरीज के रेफर होने की स्थिति में दोबारा पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा। साथ ही अस्पतालों में विभिन्न जांच में सीजीएचएस की दरों को लागू किया जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग ने 2010 में यूजर चार्ज संबंधी आदेश किया था जारी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में स्वास्थ्य विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी गई। स्वास्थ्य विभाग ने वर्ष 2010 में यूजर चार्ज संबंधी एक आदेश जारी किया था। इसके अनुसार सरकारी अस्पतालों में हर वर्ष यूजर चार्ज में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रविधान किया गया। यद्यपि कोरोना काल के दौरान दरों की बढ़ोतरी पर रोक लगी, लेकिन तब तक यह काफी बढ़ गई थीं। इसे देखते हुए स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत के निर्देशों पर स्वास्थ्य विभाग ने दरों में संशोधन संबंधी प्रस्ताव कैबिनेट के सम्मुख रखा। इसमें ओपीडी व आइपीडी की दरों को संशोधित करने को मंजूरी प्रदान की गई। सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने बताया कि अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आइपीडी की दर 15 रुपये, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 25 रुपये और जिला व उप जिला चिकित्सालयोंं में 50 रुपये रहेगी।
सरकारी चिकित्सालयों के सामान्य वार्ड में तीन दिन के पश्चात 25 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से शुल्क लिया जाएगा। दो बेड वाले वार्ड में किराया 150 रुपये प्रतिदिन और सिंगल बेड वाली प्राइवेट वार्ड में यह शुल्क 300 रुपये प्रतिदिन रहेगा। वहीं वातानुकूलित (एसी) कमरों का किराया 1000 रुपये प्रतिदिन होगा। साथ ही विभागीय एंबुलेंस की किराया दरों में भी कमी की गई है।

अब सरकारी एंबुलेंस में पहले पांच किमी तक न्यूनतम 200 रुपये और अतिरिक्त दूरी के लिए 20 रुपये प्रति किमी किराया लिया जाएगा। पहले यह दर 315 और 63 रुपये थी। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई मरीज किसी भी स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती होता है तो उससे तब ही पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा। इसके बाद यदि उसे हायर सेंटर रेफर किया जाता है तो उस हायर सेंटर में उससे नए सिरे से पंजीकरण शुल्क नहीं लिया जाएगा। यहां उसका पहला पंजीकरण शुल्क का पर्चा ही मान्य होगा। यह भी निर्णय लिया गया कि अब राज्य के अस्पतालों में सीजीएचएस की दरों पर ही उपचार किया जाएगा। जब भी सीजीएचएस की दरों में परिवर्तन होगा, उसी के अनुसार राज्य में भी दरें परिवर्तित हो जाएंगी।

चारधाम समेत प्रमुख मंदिरों से मिलते-जुलते नाम व ट्रस्ट का अन्यत्र नहीं होगा प्रयोग
उत्तराखंड में स्थित प्रसिद्ध चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री समेत अन्य प्रमुख मंदिरों से मिलते-जुलते नाम व ट्रस्ट का अब अन्यत्र प्रयोग नहीं होगा। सरकार इस सिलसिले में कड़े विधिक प्रविधान लागू करने जा रही है। धामी कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। सरकार के इस निर्णय को दिल्ली में एक ट्रस्ट द्वारा बनाए जाने वाले केदारनाथ मंदिर को लेकर उपजे विवाद को थामने से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

 

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