पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर उत्तराखंड में कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन: एक अक्टूबर को काला दिवस

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा से जुड़े कर्मचारी एक अक्टूबर को एनपीएस प्रणाली के विरोध में काला दिवस मनाएंगे। सभी कर्मचारी अपने कार्यस्थल पर काली पट्टी पहनकर कार्य करेंगे। आगामी दो अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक मोर्चा प्रदेशभर में सदस्यता अभियान चलाएगा। जबकि अक्टूबर अंतिम सप्ताह में दून में प्रदेश स्तरीय महारैली आयोजित की जाएगी। यह निर्णय रविवार को आयोजित प्रांतीय बैठक में लिया गया।

पुरानी पेंशन बहाली के लिए रणनीति पर की चर्चा
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड की लोक निर्माण संघ भवन में बैठक आयोजित की गई। जिसमें मोर्चे की आगामी रणनीति पर चर्चा हुई। तय किया गया कि एक अक्टूबर को कर्मचारी इंटरनेट मीडिया पर अपना प्रोफाइल काला रखेंगे। रात 8 से 9 घर की लाइट बंद रखेंगे। प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मनोज अवस्थी ने कहा कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से कम कुछ भी मंजूर नहीं है। उत्तराखंड का कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष को और तेज करेगा।

एक मात्र मिशन है पुरानी पेंशन बहाली
प्रदेश प्रभारी विक्रम रावत ने कहा कि मोर्चा प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली के लिए व्यापक प्रयास कर रहा है। जिसका एकमात्र मिशन पुरानी पेंशन है। प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल ने कहा कि मोर्चा आने वाले समय में पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन करेगा। पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संघ के संजय भाष्कर ने कहा कि मोर्चा ईमानदारी से पुरानी पेंशन बहाली कि लड़ाई लड़ रहा है।

प्रदेश सरकार पर बढ़ाएंगे दबाव
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय कोषाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने कहा कि मोर्चा पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रतिबद्ध है और उत्तराखंड का कर्मचारी अब आर पार कि लड़ाई के लिए तैयार है। प्रदेश सरकार को जल्द ही पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए।

इन्हें सौंपी जिम्मेदारी
इस दौरान लक्ष्मण सिंह को मोर्चे मे प्रांतीय समन्वयक कि जिम्मेदारी सौंपी गई।साथ ही रुद्रप्रयाग जनपद से शंकर भट्ट को प्रांतीय प्रवक्ता नियुक्त किया गया। ईश्वर चंद्र चौहान को गढ़वाल मंडल प्रचार प्रसार प्रमुख कि जिम्मेदारी दी गई। इस दौरान पूरण फर्स्वाण, नरेश भट्ट, अवधेश सेमवाल ,अभिषेक नवानी,सौरभ नौडियाल, राजीव उनियाल, माखन लाल शाह, त्रिलोक सिंह रावत, सुमित कुमार, अंकित रौथाण, प्रवीण घिल्डियाल, सुखपाल बिष्ट, मोहन सिंह, त्रिलोक सिंह, त्रिमूर्ति सिंह आदि मौजूद रहे।

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