उत्तराखंड में विद्युत संविदा कर्मी हड़ताल पर जाने को तैयार, दीपावली पर कार्य बहिष्कार की चेतावनी

नियमितीकरण और समान कार्य समान वेतन समेत विभिन्न मांगों को लेकर आवाज उठा रहे ऊर्जा के तीनों निगमों के संविदा कर्मी आर-पार की लड़ाई पर विचार कर रहे हैं। ऊर्जा सचिव की अध्यक्षता में हुई त्रिपक्षीय बैठक में आश्वासन के दो सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिससे खफा होकर कार्मिकों ने दीपावली पर हड़ताल करने की चेतावनी दी है। सोमवार को विद्युत संविदा एकता मंच की संयोजक मंडल व कार्यकारिणी के प्रमुख सदस्यों की एक आपात बैठक वर्चुअल माध्यम से आयोजित हुई। जिसमें बीते एक अक्टूबर को सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में आयोजित हुई त्रिपक्षीय वार्ता में बनी सहमति के बावजूद अब तक कार्रवाई न होने पर रोष प्रकट किया गया।

सकारात्मक आदेश की शर्त पर आंदोलन किया था स्थगित
सचिव ऊर्जा व निगम प्रबंधनों की ओर से एकता मंच के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया था कि तीन से चार दिन के भीतर संविदा कर्मचारियों के पक्ष में सकारात्मक आदेश जारी किए जाएंगे। इसी शर्त पर एकता मंच ने अपने आंदोलन को स्थगित किया था। विद्युत संविदा एकता मंच ने बीते नौ अक्टूबर को सचिव ऊर्जा व तीनों निगम प्रबंधन से मांगों पर शीघ्र सकारात्मक आदेश जारी करने का अनुरोध भी किया गया था। मंच के संयोजक विनोद कवि ने कहा कि तीनों निगमों में उपनल के माध्यम से संविदा कर्मचारी विगत 15 से 20 वर्षों से पूर्ण निष्ठा से कार्य करते आ रहे हैं। जबकि, उनकी समस्याओं के निस्तारण को प्रबंधन उदासीन बना हुआ है। बैठक में विद्युत संविदा एकता मंच की पूरी कार्यकारिणी ने आर-पार की लड़ाई निर्णय लिया है। यदि शीघ्र उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं की गई तो विद्युत संविदा एकता मंच दीपावली से पूर्व ही संपूर्ण कार्य बहिष्कार या हड़ताल को बाध्य होगा।

पावर जूनियर इंजीनियर्स ने काली फीती बांधकर किया विरोध
उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन 13 सूत्रीय मांगों को लेकर फिर मुखर हो गया है। आश्वासन के बावजूद कार्रवाई न होने से यूपीजेईए ने आंदोलन का द्वितीय चरण प्रारंभ कर दिया गया है। यूपीजेईए के सदस्यों ने प्रदेशभर में तय कार्यक्रम के अनुसार काली पट्टी बांधकर अपना विरोध दर्ज किया गया। केंद्रीय अध्यक्ष आनंद रावत ने कहा कि एसोसिएशन लगातार ऊर्जा निगम प्रबंधन से संवाद स्थापित करते हुए संवर्ग की जायज मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का अनुरोध कर रहा है। पूर्व में अधिशासी अभियंता के रिक्त पदों पर प्रोन्नति सहित अन्य जायज मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था। पुरानी पेंशन, जीपीएफ, प्रोन्नत कोटा और विद्युत टैरिफ समेत 13 सूत्रीय मांगों को लेकर एसोसिएशन संघर्षरत है। आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए अगले चरण में पुनः सदस्यों की ओर से आंदोलन शुरू करते हुए आगामी 15 नवंबर तक जनप्रतिनिधियों के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किए जाएंगे।

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