धामी मंत्रिमंडल विस्तार और BJP संगठन में फेरबदल की तैयारी! करीबियों को जगह दिलाने के लिए दिग्गजों में लगी होड़

पुष्कर सिंह धामी मंत्रिमंडल में विस्तार और फेरबदल, दोनों मूर्त रूप लेने जा रहे हैं। इस बदलाव के लिए वर्तमान मंत्रियों के प्रदर्शन और उनके विधानसभा क्षेत्रों में एंटी इनकंबेंसी फैक्टर को आधार बनाया जा सकता है। वहीं, नए चेहरों को मंत्रिमंडल में लाकर क्षेत्रीय व सामाजिक समीकरण साधने की तैयारी है। मंत्रिमंडल से पहले भाजपा प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी का गठन लगभग तय माना जा रहा है। अगले विधानसभा चुनाव से पहले संगठन और मंत्रिमंडल में रिक्त स्थानों पर करीबियों को जगह दिलाने को दिग्गजों में लगी होड़ में पार्टी के भीतर हलचल तेज हो गई है। नई दिल्ली से लेकर प्रदेश के भीतर सांसदों, पूर्व सांसदों एवं पूर्व मुख्यमंत्रियों की एकाएक बढ़ी सक्रियता को इससे जोड़कर देखा जा रहा है। राज्य मंत्रिमंडल में वर्तमान में पांच स्थान रिक्त हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ छह मंत्री उनकी टीम का हिस्सा हैं। वर्ष 2022 में मुख्यमंत्री धामी ने जब शपथ ली थी तो उनके मंत्रिमंडल में तीन स्थान रिक्त थे।
अप्रैल, 2023 में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के बाद मंत्रिमंडल में एक स्थान रिक्त हो गया। इसी वर्ष गत मार्च माह में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के त्यागपत्र के कारण एक रिक्ति और बढ़ गई। रिक्त हुए दो मंत्री पदों के विभागों का जिम्मा मुख्यमंत्री धामी के पास ही है। उनके पास वर्तमान में 35 से अधिक विभाग हैं। वर्ष 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव में अब समय कम बचा है। ऐसे में पार्टी हाईकमान मंत्रिमंडल के रिक्त पदों को भरने से लेकर प्रदेश संगठन की नई कार्यकारिणी के गठन को लेकर गंभीर है। हाईकमान के निर्देश पर इस संबंध में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, मुख्यमंत्री धामी एवं राज्य के सांसदों की केंद्रीय पदाधिकारियों के साथ बैठक हो चुकी है।
संगठन और मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चा शुरू होते ही गुटीय राजनीति सिर उठाती दिखने लगी है। कई सांसद एकदूसरे के साथ लंबे समय से बनी तल्खी व मतभेदों को पीछे छोड़कर संबंधों में नई गर्माहट लाने में जुटे हैं। आरोपों-प्रत्यारोपों का दौर चला, यह अलग बात है कि हाईकमान की सख्ती के चलते यह प्रभावी नहीं हो पाया।

 

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