केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की टीम आज पहुंचेगी जोशीमठ, दरारों-भूधंसाव के कारणों का लगाएगी पता

भूधंसाव के निरीक्षण व अध्ययन के लिए केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञों की सात सदस्यीय टीम सोमवार को जोशीमठ पहुंचेगी।
बताया गया कि टीम के कुछ सदस्य देहरादून और कुछ ऋषिकेश पहुंच गए हैं। सोमवार को पूरी टीम ऋषिकेश से जोशीमठ के लिए रवाना होगी।
इसमें केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय जल आयोग, राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया और राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (नमामि गंगे), राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान के एक-एक प्रतिनिधि शामिल हैं।

जोशीमठ में तैनात किए गए चार एसडीएम व छह तहसीलदार:
मंडलायुक्त गढ़वाल कार्यालय ने चमोली के जोशीमठ में आपदा एवं बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए मंडल के विभिन्न जिलों से 10 अधिकारियों की तैनाती की है। इनमें चार एसडीएम और छह तहसीलदार शामिल हैं।

प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है:
जोशीमठ में भूधंसाव के बाद से ही राहत एवं बचाव कार्य चल रहे हैं। अब इनमें तेजी लाई जा रही है। शासन-प्रशासन द्वारा प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर भेजा जा रहा है। साथ ही वहां राशन भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके अलावा विभिन्न स्थानों का सर्वे कर प्रभावित की सूची तैयार की जा रही है। इन कार्यों में तेजी लाने के लिए आयुक्त गढ़वाल सुशील कुमार ने चार एसडीएम और छह तहसीलदार को तैनात किया है।

अधिकारी तत्काल योगदान सुनिश्चित करते हुए आख्या उपलब्ध कराएं:
इनमें बीर सिंह बुद्धियाल, अपर जिलाधिकारी हरिद्वार, अजयवीर सिंह, उप जिलाधिकारी श्रीनगर, योगेंद्र सिंह, उप जिलाधिकारी केदारनाथ विकास प्राधिकरण, नंदन सिंह, उप जिलाधिकारी, ऋषिकेश, हरीश जोशी, तहसीलदार पौड़ी, आशीष घिल्डियाल, तहसीलदार टिहरी, मौ शादाब, तहसीलदार डोईवाला, बलवीर लाल, नायब तहसीलदार, जखोली, टीकम सिंह चौहान, चकबंदी अधिकारी, हरिद्वार, सुरेंद्र सिंह, नायाब तहसीलदार, सदर शामिल है। आदेश में कहा गया है कि ये अधिकारी तत्काल में चमोली में योगदान सुनिश्चित करते हुए अपनी आख्या उपलब्ध कराएंगे।

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