उत्तराखंडी फिल्म निर्माताओं को नहीं झेलना पड़ेगा नुकसान, बन गया है प्लान
उत्तराखंड फिल्म निर्माताओं की पहली पसंद है। यहां अक्सर फिल्मों और वेब सीरीज की शूटिंग की जाती है। देवभूमि की सुंदर वादियों में फिल्माए गए सीन खूबसूरत होते हैं। कई फिल्में ऐसी हैं जो उत्तराखंड की खूबसूरती के साथ ही साथ यहां की संस्कृति को भी पर्दे पर दिखाती है। उत्तराखंड की बोली-भाषा में फिल्म बनाने वाले निर्माताओं को फिल्म निर्माण के बाद नुकसान नहीं झेलना पड़ेगा। शकुंतलम फिल्म एवं टेलीविजन इंस्टीट्यूट और इंप्लैक्स डिजिटल थिएट्रिकल डिस्ट्रीब्यूशन इन प्रोड्यूसर की फिल्मों को छोटे-बड़े पर्दे पर दिखाएगा।
उत्तराखंड की फिल्मों को किया जाएगा सुरक्षित
शुक्रवार को प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता के दौरान इंस्टीट्यूट के चेयरमैन शिव नारायण सिंह रावत ने बताया कि उत्तराखंड की फिल्मों को सुरक्षित रखने के लिए बड़े स्तर पर काम किया जाएगा। यहां अब भाषा से लेकर अन्य परेशानियों को दूर करने के लिए काम किया जाएगा।
फिल्मों को रखा जाएगा सुरक्षित
अभी तक सही तरीके से प्रचार-प्रसार न होने से फिल्म निर्माताओं को नुकसान झेलना पड़ता है, लेकिन अब फिल्म निर्माता दस लाख की फिल्म बनाकर कंपनी को देता है तो उसे तीन माह में फिल्म पर लगाई गई धनराशि लौटाने के साथ ही दो लाख रुपये का मुनाफा दिया जा जाएगा। इसके साथ ही उत्तराखंड की सभ्यताओं पर बनी फिल्मों को भी सुरक्षित रखा जाएगा।